महासमुंद : राजीव गांधी आश्रय योजना : 110 हितग्राहियों को योजना का मिला सहारा, मिल गया स्थायी पट्टा
महासमुंद में एक बार फिर राज्य सरकार के जनहितैषी योजना से परिवारों के चेहरे पर खुशी आयी है। राजीव गांधी आश्रय योजना के अंतर्गत महासमुंद जिले के नगरीय क्षेत्रों के स्लम क्षेत्र में रहने वाले 110 हितग्राहियों को उनके निवास व निर्माण कार्यों हेतु शासकीय पट्टों दिए जा चुके हैं। महासमुंद की सुभाष नगर स्लम बस्ती में रहने वाले श्रीमती देवकी साहू को 681 वर्ग फीट का स्थायी पट्टा मिला है। जिसे पाकर वो काफी खुश है। वहीं इसी बस्ती की श्रीमती जानकी सिन्हा, जुगेन्द्री और श्रीमती विनोदनी सिन्हा को भी क्रमशः 528 वर्ग फीट, 270 वर्ग फीट और 338 वर्गफीट का राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत स्थायी भूमि पट्टा मिला है। सभी हितग्राही इन पट्टो का उपयोग हितग्राहियों द्वारा प्रधानमंत्री आवास एवं विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु प्रयोग कर सकते हैं। अब तक महासमुंद शहर के झुग्गी झोपड़ियों, कच्चे अर्धपक्के मकानों में रहने वाले 22, तुमगांव के 17 और सरायपाली नगरीय क्षेत्र के 71 हितग्राहियों को पट्टा मिला है।
राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत नगरीय निकाय क्षेत्र में शासकीय नजूल या स्थानीय निकाय, विकास प्राधिकरण के भूमि में निवास करने वाले आवासहीनों को ऐसी अधिभोग की भूमि के पट्टे की पात्रता होती है, जिनका इस पते का राशन कार्ड बना हो। यह नियमानुसार प्रमाणित दस्तावेज हो। इस योजना के तहत झुग्गी वासी भूमिहीन व्यक्ति से पट्टे के लिए कोई प्रब्याजी या भू-भाटक नहीं लिया जाता। विकास शुल्क के रूप में 10 वर्षों तक सिर्फ विकास शुल्क लिया जाता है। इस योजना से ऐसे भूमिहीन कमजोर वर्ग के लोगों का वर्षों का सपना साकार होने लगा है। शहरी क्षेत्रों में झुग्गी झोपडियों से मुक्ति दिलाने और गरीबों को अपना घर का सपना पूरा कराने में सहायता के लिए इस योजना की शुरुआत की गई। शहरों को स्लम मुक्त करने के उद्देश्य है।
महासमुंद शहर के झुग्गी झोपड़ियों, कच्चे अर्धपक्के मकानों में रहने वाले 22, तुमगांव के 17 और सरायपाली नगरीय क्षेत्र के 71 हितग्राहियों को पट्टा मिला है। यह पट्टा शहरी गरीबों को भूमि पर आवास अधिकार दिलाने के साथ उनको उनके मकान, बिजली, पानी ,राशन कार्ड आदि अन्य अनेक योजनाओं में काम आएगा। यह पट्टा निवास का अधिकार भी प्रदान करता है। महासमुंद जिले के नगर स्लम बस्तियों के इन वासियों को यह पट्टा उनके परंपरागत आवास अधिकार को ध्यान में रखकर शासकीय योजना अन्तर्गत राजीव गांधी आवास पट्टा प्रदाय किया गया है।