सरायपाली @काकाखबरीलाल। जिले के अंतिम छोर में स्थित थाना सरायपाली अन्तर्गत एक छोटा सा गांव बेलटिकरी (पोस्ट सिंघोड़ा ) के एक मजदूर परिवार में जन्मे श्री आनंद कुमार साव का पढ़ाई मे बचपन से ही बहुत रुचि था लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वज़ह से उनकी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का सफर बहुत ही अभाव में तथा संघर्षपूर्ण रहा जिनको चंद शब्दों में लिख पाना बहुत ही मुश्किल है। कॉलेज के दिनों में पेपर बांटकर, फैक्ट्री में मजदूरी करके अपनी स्नातक की पढ़ाई रायगढ़ के डिग्री कॉलेज मे पूरी की इसके बाद स्नातकोत्तर की पढ़ाई भी इसी कॉलेज मे ही प्राणीशास्त्र विषय मे 2012 मे पूरी की।
इसके पश्चात 2012 से 2016 तक रायगढ़ के डिग्री कॉलेज तथा सरायपाली के शासकीय महाविद्यालय में अतिथि व्याख्याता के पद पर अपनी सेवाएं दी और सुबह शाम ट्यूशन पढ़ाकर कुछ पैसे जुटाए और आगे की पढ़ाई (CSIR-UGC NET)के लिये 2016 मे दिल्ली चले गये और पहली बार मे ही पूरे भारत मे 85 वाँ स्थान प्राप्त कर JRF हासिल किया, उन्होंने सोचा कि सभी मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चे इस परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली तो नहीं जा सकते इसलिए इन्होंने रायगढ़ मे बच्चों के मार्गदर्शन के लिए एक कोचिंग सेंटर की शुरुवात की, आज की स्थिति में इस सेंटर से 50 से भी ज्यादा बच्चे NET, SET, GATE, ICAR जैसे बड़े परीक्षा पास कर चुके हैं जो कि अपने आप में एक बड़ी उपलब्धी है, इन्होने 2016 से अब तक Life-Science जैसे विषय में 8 बार NET-JRF तथा 2 बार GATE और 2 बार CGSET की पात्रता परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की और वो 2019 की छ.ग. लोक सेवा आयोग की सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा “प्राणी शास्त्र ” विषय में पहली बार परीक्षा दिया और पूरे छ. ग. मे 11 वाँ स्थान प्राप्त कर अपने माता पिता का ही नहीं बल्कि पूरे सरायपाली अंचल का नाम रोशन किया है.
उन्होंने बताया कि पढ़ाई के प्रति इतनी रुचि उनके पिता श्री रेशम लाल साव जी से प्रेरणाश्रोत के रूप मे मिली जबकि विपरीत और गम्भीर परिस्थिति में हिम्मत नहीं हारने की प्रेरणा उनके माता श्रीमती सुकदा साव जी से मिली.
उनका कहना है कि हर किसी के अंदर इतनी ताकत होती है कि वो अपनी वर्तमान सुधार कर भविष्य को सुन्दर बना सकता है बस उसे अपने आप को पहचानने की जरूरत होती है ।