धूमधाम से मनाया गया गोपाष्टमी पर्व
– नंदकिशोर अग्रवाल
पिथौरा नगर(काकाखबरीलाल)। तेंदुकोना के आश्रित ग्राम भिखपाली स्थित विद्या देवी गौशाला में गोपाष्टमी पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।काफी पहले से ही गौशाला के संचालक गणेश अग्रवाल अपने साथियों के साथ गोपाष्टमी पर्व मनाने कीतैयारी में लगे हुए थे।आज गोपाष्टमी के दिन सुबह से ही पंडित श्री भागीरथी जी के द्वारा हवन पूजन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ कर गौशाला में गौ माता की पूजा कर विधिवत कार्यक्रम की शुरुवात की गई।तत्पश्चात कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए दो पहर को गौमाता को भोग अर्पण के पश्चात भंडारे का आयोजन किया गया जो दिन भर चला। भंडारे में गांव के अलावा अन्य क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में भक्त गौशाला पहुँच कर प्रसाद ग्रहण कर अपनी उपस्थिति दे रहे थे।शाम को गोपाष्टमी पर्व के उपलक्ष्य में संबलपुर के कृष्णा एन्ड पार्टी के द्वारा भजन का रंगारंग कार्यक्रम आयोजन किया गया था।जिसमे भी दूर दूर से लोग बड़ी संख्या में श्याम भजन का लुफ्त देर रात तक उठाते रहे।एवम भक्तिमय माहौल में लक्ट हुए थरकते रहे।वही रात को भी गौशाला के द्वारा सभी भक्तों के लिए प्रसाद स्वरूप भोजन की ब्यववस्था की गई थी।
बात दें कि क्षेत्र में एक मात्र विद्या देवी गोशाला तेंदुकोना के आश्रित ग्राम भीखा पाली में संचालित है।जहाँ हर वर्ष गोपाष्टमी को ऐसे धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। पूछने पर श्री गणेश अग्रवाल ने बताया कि यहां गौशाला में 450 गोमाता निवास करती हैं।जिनकी सेवा हेतु10 लोग कार्यरत हैं। संचालन के सम्बंध में बताया कि हमे शासन द्वारा 250 गायो का खर्च25रुपये दिन के हिसाब से अनुदान स्वरूप मिलता है ।बाकी की ब्यवस्था हमें खुद करनी पड़ती है। आगे गौशाला को किस रूप में देखना चाहते हैं पूछने पर कहा कि हम हमारी गौशाला को मॉडल के रूप में देखना चाहते हैं। और हम सिर्फ गौमाता की सेवा को लक्ष्य मानते हैं।गोपाष्टमी पर्व पर उपस्थित उपसंचालक ने कहा कि जिले में संचालित 6 गोशालाओं में विद्या देवी गौशाला सर्वश्रेष्ठ गौशाला है।जो निर्विघ्न रूप से संचालित है।साथ ही उन्होंने संचालक गणेश अग्रवाल की भी प्रसंशा की। आगे संचालक श्री गणेश अग्रवाल ने क्षेत्र में गौमाताओं की दुर्गति पर कहा कि यदि शासन गायो का गोबर तथा गोमूत्र की खरीदी कर कंपोस्ड खाद की बिक्री करे तो किसान अपने गोधन की समुचित देखभाल करेंगे।और गोमाता की दुर्गति रुक जाएगी।वैसे हमसे जितना हो सकता है हम तो कोशिश कर ही रहे हैं।लेकिन शासन के सहयोग के बिना गायों की सुरक्षा सम्भव नहीं।