छेर – छेरा का पर्व क्षेत्रवासीयों जीवन में खुशीयां लाये – किस्मतलाल नंद
अनुराग नायक सरायपाली– आज पौष पुन्नी के अवसर पर अपने गृह ग्राम संतपाली में आकर किस्मत लाल नंद(टिआई) ने क्षेत्रवासीयों को पौष पुन्नी और छेर छेरा की बधाई दी व क्षेत्रवासियों के सुख समृद्धी की कामना की । ईस बिच ग्राम संतपाली के ग्रामीणों ने भी नंद जी से मुलाकत की ।
छेर – छेरा त्यौहार विशेष
अन्न दान का महापर्व छेरछेरा को धूमधाम के साथ मनाया जाता है छत्तीसगढ़ में यह पर्व नई फसल के खलिहान से घर आ जाने के बाद मनाया जाता है। इस दौरान लोग घर-घर जाकर लोग अन्न का दान माँगते हैं। वहीं गाँव के युवक घर-घर जाकर डंडा नृत्य करते हैं।
लोक परंपरा के अनुसार पौष महीने की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष छेरछेरा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुबह से ही बच्चे, युवक व युवतियाँ हाथ में टोकरी, बोरी आदि लेकर घर-घर छेरछेरा माँगते हैं। वहीं युवकों की टोलियाँ डंडा नृत्य कर घर-घर पहुँचती हैं। धान मिंसाई हो जाने के चलते गाँव में घर-घर धान का भंडार होता है, जिसके चलते लोग छेर छेरा माँगने वालों को दान करते हैं।