बसना विकासखंड के ग्राम पंचायत बिजराभांठा में रोका-छेका अभियान का श्रीगणेश
बसना(काकाखबरीलाल)।छत्तीसगढ़ की पुरानी परंपरा और व्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच के अनुरुप रोका-छेका कार्यक्रम बसना विकासखंड के ग्राम पंचायत बिजराभांठा के आश्रित ग्राम कलमीदादर में आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य रूप से सरपंच कुमारसिंग चौधरी उप सरपंच भुनेश्वरी टिकेश्वर सिदार, पंचायत सचिव पुष्पांजलि भोई, रोजगार सहायक शशिभूषण नायक,समेत पंचगण एवं ग्रामीण उपस्थित थे।
रोका-छेका के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा पर कहा कि गांव को समृद्घ बनाने के लिए कृषि को बढ़ावा दे रही है। रोका छेका पुराने समय से गांवों की व्यवस्था रही है। खरीफ की बोआई के दौरान फसल की सुरक्षा के लिए पशुधन को गौशालाओं में रखने की प्रथा रही है। जिससे मवेशी खेतों में न जा पाए व फसल की सुरक्षा हो सके। यह फसल उत्पादन को बढ़ावा देने की स्थानीय परंपरा रही है। आगे कहा गया कि मवेशियो के लिए गांव-गांव में बने गौठानो में पहुंचाए अन्यथा पशु मालिक से जुर्माना भी वसूलने का प्रावधान इस योजना में है।
आगे संकल्प लिया गया कि मैं अपने आसपास के वातावरण तथा अपने ग्राम को स्वच्छ साफ सुथरा तथा दुर्घटना मुक्त रखने के लिए मैं यह संकल्प लेता हूं कि मेरे पालतू मवेशियों को अपने स्थान पर रखकर चारा पानी की समुचित व्यवस्था करूंगा अथवा ग्राम पंचायत के गौठान में निर्धारित शुल्क जमा करा कर चरवाहे के साथ ग्रामीण गौठान में चरने के लिए भेजूंगा ग्राम के सड़कों में आवारा घूमने के लिए नहीं छोडूंगा। आसपास के खेतों में फसलों तथा उद्यानों में अपने पालतू मवेशियों का प्रवेश रोकने के लिए स्वयं की व्यवस्था करूंगा अथवा सामूहिक व्यवस्था मैं सहभागिता करने हेतु वचनबद्ध रहूंगा। पशुपालन से उत्सर्जित होने वाले अपशिष्ट के लिए घुरवा (कंपोस्टिंग) के लिए स्वयं की व्यवस्था करूंगा अथवा सामाजिक व्यवस्था में सहभागीता करने हेतु वचनबद्ध रहूंगा। मेरे पालतू मवेशी यदि ग्राम पंचायतों की सड़क हो या अन्य स्थानों पर आवारा घूमते पाए जाए तो मैं इस हेतु ग्राम पंचायत द्वारा आरोपित किए जाने वाली राशि का भुगतान करने हेतु वचनबद्ध रहूंगा की संकल्प के साथ रोका छेका अभियान की शुरुआत की गई है