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शास.उच्च प्राथ.शाला लांती के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर अखंड भारत के निर्माण में लौह पुरुष के योगदान को समझा… जाने सरदार पटेल की संघर्षों के बारे में विस्तार से…

काकाखबरीलाल । आजाद भारत के पहले उप- प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री ,भारतीय इतिहास के लौह पुरुष एवं 562 देशी रियासतों को जोड़ने की, एकता के सूत्र में पिरोने की चुनौती को स्वीकार कर सफलता अर्जित करने वाले साहसी ,वरिष्ठ सामाजिक राजनेता, ई.एम.एच.एस. के अध्यक्ष एवं संस्थापक ,खेड़ा सत्याग्रह एवं बारडोली सत्याग्रह के नेतृत्वकर्ता, कुशाग्र बुद्धि से युक्त,देश को आजादी दिलाने में अहम योगदान देने के साथ राष्ट्र में शांति स्थापित करने में अग्रणी पुरुष,महात्मा गांधी जी के विचारों से उद्वेलित/प्रभावित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले,निर्भीक, स्पष्टवादी,स्वदेशी रंग में रंगने वाले, किसानों के हितैषी,परिश्रमी,युवा पीढ़ी को नवीन दिशा देने वाले , भारत के ‘विस्मार्क’ के साथ ‘सरदार’ की उपाधि प्राप्त वल्लभभाई पटेल का जन्म 31. अक्टूबर 1875 को गुजरात के करमसंद में एक गरीब परिवार में हुआ। कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ पढ़ाई के शौकीन रहे पटेल जी की परिकल्पना थी कि देश एक राष्ट्र शक्ति तब तक नहीं बन सकता,जब तक उस सामूहिकता का सही संचालन न किया जाए।

राष्ट्रीय सुरक्षा ,एकता और अखंडता को सशक्त,अक्षुण्ण बनाए रखने हमारी प्रतिबद्धता व्यक्त करने हेतु 31 अक्टूबर 2019 को सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 144 वीं जयंती को एक भारत- श्रेष्ठ भारत के तहत रन – फाॅर यूनिटी प्रोग्राम के अंतर्गत शासन के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी महासमुंद श्री बी.एल. कुर्रे एवं डीएमसी श्री एम.जी.एम.सतीश नायर के कुशल निर्देशन एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारी सरायपाली श्री आई. पी.कश्यप एवं बीआरसीसी श्री बी.आर.पटेल जी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में शासकीय उच्च प्राथमिक शाला लांती वि.खं.सरायपाली में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शाला के द्वारा विविध कार्यक्रम आयोजित कर मनाया गया ।

यह आयोजन न केवल स्वतंत्र भारत की राष्ट्रीय एकता, अखंडता के शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन पर उनके प्रति श्रद्धांजलि है बल्कि हमारे देशवासियों के अंतर्निहित दृढ़ता और देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता को पुनः पुष्ट करने का एक सशक्त कारगर माध्यम है।

कार्यक्रम के संयोजक शिक्षक यशवंत कुमार चौधरी के द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रखर – तेजस्वी व्यक्तित्व एवं उनसे जुड़े तथ्यों एवं उनकी कूटनीतिक क्षमताओं के साथ हर मुसीबत से लोहा लेकर सफलता हासिल करने में सक्षम आयरन मैन के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए उनके संघर्षों के बारे में उपस्थितजनों को अवगत कराया।

नेशनल यूनिटी डे की शुरुआत 31 अक्टूबर 2014 से हुई है,देश के एकीकरण एवं आंतरिक सुरक्षा पर महत्वपूर्ण योगदान/ असाधारण कार्यों हेतु सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हुए देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

इसी तारतम्य में सरपंच श्री परमानंद साहू,संकुल शैक्षिक समन्वयक लांती श्री जे.एन.पटेल, प्रभारी प्रधान पाठक श्री एस.एस.पटेल,सहायक शिक्षक श्री विवेक रंजन पटेल आदि की उपस्थिति में लांती स्कूल में यूथ क्लब द्वारा रन फाॅर यूनिटी प्रोग्राम के तहत सामूहिक रूप से एकता दौड़ लगाई वहीं जन-जागरूकता रैली के माध्यम से लोगों को ओजस्वी स्वरों में नारों सहित एकता व भारत की श्रेष्ठता का संदेश दिया साथ ही राष्ट्रीय एकता के संबंध में प्रतिज्ञा को दोहराते हुए सबने संकल्पित भाव से राष्ट्र की एकता अखंडता और सुरक्षा की शपथ ली। सरदार वल्लभ भाई पटेल पर फोकस करते हुए विद्यार्थियों के मध्य वाद-विवाद ,क्वीज,भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया ।

“अनेकता में एकता- भारत की यही विशेषता” इसी प्रेरक- प्रेरणादायक वाक्य के साथ राष्ट्रीय एकता दिवस 2019 का थीम” देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा पर मंडरा रहे खतरे के खिलाफ देश की अंतर्निहित ताक़त को एकजुट करना और उसके खिलाफ खड़े होना” रहा । अखंड भारत के निर्माण में दूरदर्शिता पूर्ण ,चतुराई के साथ रियासतों को मिलाने वाले पटेल जी शराब , छुआछूत, भेदभाव जैसे सामाजिक कुरीतियों के प्रबल विरोधी रहे। इनके जीवन मूल्यों- आदर्शों को विद्यार्थियों को अपने जीवन में उतारने/आत्मसात करने हेतु प्रेरित किया गया ।

परीक्षाओं में अव्वल स्थान प्राप्त करने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी के हर निर्णय में राष्ट्रहित की प्रबल भावना झलकता है और मातृभूमि के प्रति अटूट निष्ठा, अद्भुत साहस और संगठन कुशलता हम सभी देशवासियों को सदैव देशसेवा एवं एकता के लिए प्रेरित करता रहता है । उनका प्रसिद्ध कथन..

1).” मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ ना रहे”। 2) “एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जब तक उसे ठीक ढंग से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए ,और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है”।

3) जब जनता एक हो जाती है तब उनके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता अतः जात -पात के ऊंच-नीच के भेदभाव को भूलकर सब एक हो जाएं।

गुजरात राज्य के नर्मदा जिले के केवडिया में स्थापित किए गए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया गया जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।

काका खबरीलाल

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