छात्रों से कॉलेज प्रवेश के नाम पर वसूली के लिए अनजान नंबर से मैसेज,ऑडियो आया यूनिवर्सिटी से बोल रहा हूं
बिलासपुर(काकाखबरीलाल)।शहर का अग्रणी कॉलेज साइंस कॉलेज, डीपी विप्र कॉलेज और कानून की पढ़ाई कराने वाले डीपी विप्र लाॅ कॉलेज, कौशलेंद्र राव लॉ कॉलेज ने मेरिट लिस्ट के साथ छात्रों का मोबाइल नंबर भी जारी कर दिया है। साइंस कॉलेज में आईटी व बीसीए को छोड़कर बाकी विभाग ने मोबाइल नंबर जारी किया है। जिसका दुरुपयोग लोग करने लगे हैं। छात्रों के मोबाइल नंबर पर एक मैसेज और ऑडियो आया कि मैं बिलासपुर यूनिवर्सिटी से बोल रहा हूं।
मेरे यूपीआई आईडी या डेबिट कार्ड नंबर पर 30 रुपए भेजिए। उसके बाद आप लोगों को एडमिशन फार्म कॉलेज में भेजा जाएगा। अब कॉलेजों द्वारा मोबाइल नंबर जारी किए जाने के बाद छात्रों के साथ इस तरह का फ्राड किया जा रहा है। इस पर डीपी विप्र कॉलेज के छात्र नेता आशिर्वाद पैनल के कार्यकर्ता मनीष मिश्रा ने जानकारी ली तो मामला सामने आया।
छात्र नेता मिश्रा ने जब उस नंबर पर बात की तो दो लड़कियों ने बात की और कहा कि पैसा जमा करना है। जब मिश्रा ने कहा कि आप कहां हैं, वहीं आकर जमा करूंगा तो उन्होंने कहा कि आपका माफ हो जाएगा, आप मत जमा करिए। इसके बाद से लड़कियों ने फोन रिसीव करना बंद कर दिया।
ये है जिम्मेदारों का कहना
साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसआर कमलेश ने कहा कि मैं सोमवार को उसे दिखवा लूंगा। डीपी विप्र कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अंजू शुक्ला ने कहा कि सभी छात्रों को मैसेज कर दिया गया है कि किसी भी प्रकार मैसेज आए तो उसे पैसा ना दें। एडमिशन लेने कॉलेज में आ सकते हैं। कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।
डीपी विप्र लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अन्नू भाई सोनी ने कहा कि ये कॉलेज की गलती नहीं है। यूनिवर्सिटी ने ही मेरिट लिस्ट में नंबर दिया है। जो ऐसा कर रहा है, उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत करूंगा। कौशलेंद्र राव लॉ कॉलेज के प्राचार्य सतीश तिवारी ने कहा कि एडमिशन कमेटी से मेरिट लिस्ट को सही करवा दूंगा।
कुलसचिव ने कहा- कोई भी छात्र फोन-मैसेज के बहकावे में ना आए : एयू ने सभी प्राचार्यों को निर्देश दिया कि जिन छात्र-छात्राओं का प्रवेश के लिए चयन किया गया है, उन सभी को सूचित करें कि यूनिवर्सिटी की ओर से किसी भी छात्र से किसी भी प्रकार का शुल्क लेने का निर्देश किसी भी माध्यम से नहीं दिया गया है। एक छात्रा के माध्यम से रिकॉर्डेड फोन के माध्यम से प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं से 30 रुपए एक अकाउंट नंबर में जमा करने के लिए कहा जा रहा है जो कि पूर्णत: असत्य और फर्जी है। सभी छात्र-छात्राएं इस फर्जी फोन कॉल के बहकावे में ना आएं।