सरायपाली

सरायपाली : जमीन की फर्जी तरीके से की रजिस्ट्री, मुख्यमंत्री से जांच की गुहार

सरायपाली. अनुविभाग के ग्राम गढ़फुलझर निवासी 80 वर्षीय लकवा ग्रस्त वृद्ध की बेशकीमती जमीन को औने-पौने दाम पर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराने का मामला सामने आया है। भू-माफिया जमीन दलाल एवं राजस्व अफसरों के गठजोड़ के आगे बेबस परिवार न्याय के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाता फिर रहा है।

बावजूद उन्हें अब तक न्याय नहीं मिल पाई है। यहां तक उन्हें न्याय दिलाने के लिए भी लोग दलाली करने लगे हैं। वृद्ध रेशमलाल की पुत्री शैलबाला ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की जांच करने एसआईटी टीम गठित करने की मांग की है। शैलबाला का आरोप है कि उसके वृद्ध पिता रेशमलाल के नाम दर्ज कृषि भूमि रकबा 0.17 हेक्टेयर क्रेता पवन कुमार अग्रवाल ग्राम बसना, रकबा 0.12 हेक्टेयर क्रेता मोहसिन ग्राम बसना, रकबा 0.02 हेक्टेयर क्रेता गिरीश ग्राम बसना द्वारा 06.12.2021 को ब्रोकर देवेंद्र डड़सेना के माध्यम से रजिस्ट्री कराया गई है। उनका यह भी आरोप है कि उनके वृद्ध पिता को बिना कोई राशि दिए भूमि की रजिस्ट्री करा ली गई है। फर्जी विक्रय पत्रक सम्पादित करने वालों को सजा दिलवाने एवं अपने वृद्ध माता-पिता को न्याय दिलाने के लिए महिला असहाय रूप से दर-दर की ठोकरें खाते फिर रही है। मामले में महज दो लाख का भुगतान का चेक पीड़िता के खाते में लगाया जाना भी बताया जा रहा है, ताकि रजिस्ट्री को वैद्य बताया जा सकता है। विडम्बना है कि तथाकथित एक नेत्री ने मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर से न्याय दिलाने के नाम पर पीड़ित परिवार से अवैध वसूली भी की है। आवेदिका शैलबाला पिता रेशमलाल निवास ग्राम गौरमाल तहसील झारबंद जिला बरगढ़ ओड़िसा हाल मुकाम ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि रेशमलाल पिता दशरथ पांड़े बसना के निवासी है।

बाजार भाव एवं कलेक्टर दर में अंतर

उप पंजीयक को बर्खास्त करने की मांग

आवेदिका का यह भी कहना है कि पूरे जिले के सभी उप पंजीयक कार्यालय में विक्रय की राशि आपस में भरपाया लिखकर रजिस्ट्री का कार्य उपपंजीयक द्वारा धड़ल्ले से कराया जा रहा है। उप पंजीयक द्वारा फर्जी खरीदी बिक्री को प्रश्रय दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस तरह के जितने भी खरीदी बिक्री हुई है उसे निष्प्रभावी एवं अपालनीय घोषित करने की मांग की है और उन्होंने उप पंजीयक को तत्काल निलंबित कर जांच उपरांत बर्खास्त करने की भी मांग की है।

जमीन का बाजार मूल्य नए सिरे से निर्धारण किए जाने की मांग की है। आवेदिका का कहना है कि सड़क किनारे की जमीन का भाव आसमान छू रहा है। यहां का कलेक्टर दर करीब 4 लाख है मगर बाजार भाव करीब 3 करोड़ तक पहुंच चुका है। जमीन की मांग एकाएक बढ़ गई है। बाजार मूल्य का निर्धारण नए सिरे से करने पर अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी।

वर्तमान में वे लकवा ग्रस्त हैं तथा चलने, फिरने एवं बोलने में असमर्थ है और उन्हें अपने हित-अहित का भी ज्ञान नहीं है। रेशम लाल का कोई पुत्र नहीं है। उसकी दो पुत्रियां हैं। बड़ी लड़की शैलबाला गौरमाल शादी होकर गई है। दूसरी पुत्री संध्या की दिमागी हालत ठीक नहीं है। वह अपने पिता के पास ही रहती है। जमीन दलाली का काम करने वाले गांव के ही देवेंद्र डड़सेना की नजर उनके वृद्ध पिता के नाम दर्ज बस स्टैंड की कीमती जमीन पर पड़ी। उनके पिता की इस हालत का फायदा उठाकर सैयद कमरुद्दीन, मज़म्मिल अहमद, ग्राम पटवारी नीतीश सिन्हा, मोहसिन, गिरीश गजेंद्र एवं पवन अग्रवाल की मिलीभगत से उनके वृद्ध पिता की नाम की जमीन को रजिस्ट्री कराने का आरोप शैलबाला ने शिकायत पत्र में बताया है। हैरान करने वाली बात तो यह भी है कि पवन अग्रवाल के नाम से रजिस्ट्री हुई जमीन का बिना कोई वैधानिक प्रक्रिया के पालन के प्रमाणीकरण होकर नामांतरण भी हो गया है। तहसीलदार की भूमिका पर भी शिकायतकर्ता ने सवाल उठाया है।

आयकर अधिनियम का पालन नहीं

आयकर अधिनियम के तहत 20000 रुपये से अधिक की संपत्ति की खरीदी किए जाने पर उसका भुगतान चेक या ड्राफ्ट के माध्यम से किए जाने का प्रावधान है। मगर रेशमलाल की जमीन को खरीदते समय क्रेताओं ने इस नियम का पालन नहीं किया है। इससे यह सिद्ध होता है कि या तो जमीन की रजिस्ट्री विक्रेता को बिना राशि दिए ही कर लिया गया हो या फिर नगद राशि देकर आयकर नियम का उल्लंघन किया गया है।

विचाराधीन

ऐसे ही एक मामले में हो चुकी है एफआईआर

नामांतरण नियम के तहत हुआ है। नामांतरण के बाद भी आपत्ति आवेदिका की ओर से अनुविभागीय दण्डाधिकारी सरायपाली के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायालयीन प्रकरण में किसी भी प्रकार का बयान नहीं दे पाउंगा। रामप्रसाद बघेल, तहसीलदार बसना

ग्राम बस्ती सरायपाली में ऐसे ही फर्जी खरीदी बिक्री के मामले में सरायपाली थाना में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। एक मामले में ग्राम बस्ती सरायपाली निवासी सनातन प्रधान की जमीन को ग्राम के ही जगदीश प्रधान वगैरह ने फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा ली गई थी। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। फिलहाल, तीनों जमानत पर छूटे हैं। गढ़फुलझर मामले में भी जांच कर इस मामले में संलिप्त लोगों को जेल के सलाखों के पीछे भेजे जाने की आवश्यकता है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि फर्जी वाड़े में सलाखों के पीछे कौन-कौन और कब जाते हैं। जांच और जिम्मेदारों पर कानूनी कार्रवाई करने सहित रजिस्ट्री शून्य करने की मांग भी उन्होनें मुख्यमंत्री से की

काका खबरीलाल

हर खबर पर काकाखबरीलाल की पैनी नजर.. जिले के न. 01 न्यूज़ पॉर्टल में विज्ञापन के लिए आज ही संपर्क करें.. kakakhabarilaal@gmail.com

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!