बगैर एनओसी कॉलोनियों का निर्माण, कॉलोनाइजर एक्ट का खुला उल्लंघन
कॉलोनाइजर एक्ट का पालन नहीं, भूमाफियाओं के चंगुल में फस रहे लोग
प्रकाश सिन्हा महासमुंद/बसना। नगर पंचायत बसना एवं शहर से लगे पंचायतों से एनओसी लिए बिना ही कई कॉलोनियों में तेजी से अवैध निर्माण चल रहा है। इसमें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को दरकिनार कर दिया गया है। शहर में कॉलोनाइजर एक्ट का पालन नहीं हो रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में भी अवैध प्लाटिंग कर दी गई है। इन भूमाफियाओ पर शिकंजा कसने के बजाय अधिकारी भी चुप्पी साध ली है। इस कारोबार के चलते जमीन की कीमत मनमाना रेट बढ़ गई है। वही कॉलोनी के नाम पर लोगो के साथ धोखा भी किया जा रहा।
गौरतलब है कि बसना नगर समेत ग्राम पंचायत बंसुला, अरेकेल, खेमड़ा पंचायत अंर्तगत अवैध प्लाटिंग का कारोबार तेजी से चल रहा है। कृषि भूमि की खरीदी-बिक्री जोरों पर है। वहीं दूसरी और भूमाफिया भी सक्रिय हैं। इनके द्वारा नगर पालिका से किसी तरह की अनुमति नहीं ली जा रही है। इससे अव्यवस्थित तरीके से कॉलोनी व बसाहट कर दिया जा रहा है। जो आगे चलकर विकराल समस्या उतपन्न करेगा। बसना में सरस्वती शिशु मंदिर के पीछे साईं विहार, बसना-पदमपुर मार्ग किनारे बंसूला-बसना में स्थित गुरुनानक धर्मशाला के पीछे, अरेकेल मार्ग स्थित, अरेकेल डिपा, खेमड़ा पंचायत अंर्तगत व राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे, सिटी सिनेमा के पीछे कृषि भूमि और वार्ड नम्बर 02 समेत अनेक स्थानों पर कॉलोनी बन रहे है।
कृषि भूमि को कर रहे परिवर्तित
कृषि भूमि पर प्लांटिग प्रतिबंधित है। वहीं महासमुंद जिले के बसना में शासन की अनुमति के बिना ही कृषि योग्य भूमि की प्लाटिंग कर दी जा रही है। किसानों से जमीन खरीदकर प्लाट काट रहे हैं। एक्ट के अंतर्गत बिना कॉलोनाइजर लाइसेंस व नियमों के बिना प्लाटिंग नहीं की जानी है। खेती जमीन का डायवर्सन भी जरुरी है। जितनी भी जमीन की खरीदी बिक्री हो रही है, उनमें एसडीएम, टाउन व कंट्री प्लानिंग कार्यालय और नगर पालिका में आवेदन देकर औपचारिकता निभा दी जा रही हैं। जिसका खामियाजा आम जनता के साथ ही शासन को राजस्व की क्षति के रूप में हो रही है।
सुविधा के नाम पर मुरम की सड़क
नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में कई स्थानों पर प्लाटिंग कर दी गई है। लगातार प्लाटिंग होते देख ग्रामीण दलालों के च-र में फंस रहे हैं। वे मकान बनाने प्लाट की खरीदी तो कर लेते हैं, लेकिन सुविधाएं कुछ नहीं मिलती। भूमफियाओं के द्वारा इन्हें लुभाने के लिए 10-12 फीट की सड़क बनाकर उस पर मुरम बिछाकर छोड़ दिया जा रहा है तो कही सीसी रोड बनाया जा रहा। इसके बाद वहां किसी तरह का विकास नहीं हो रहा है। जमीन खरीदने के बाद कॉलोनी के रहवासियों को बिजली, पानी, सड़क, नाली और अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है।
कार्रवाई का अभाव
अवैध प्लाटिंग का खेल शहर के साथ गांवों में भी जारी है। इस पर कार्रवाई के लिए दो विभाग मौजूद है, लेकिन कार्रवाई कोई नहीं कर रहा। नगरीय क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई करने नगर पालिका के पास अधिकार है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग पर राजस्व विभाग द्वारा कार्यवाही की जा सकती है। दोनों विभाग के अधिकारी हर बार आश्वासन तो देते हैं कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कार्रवाई तो दूर नोटिस तक नही दी जा रही है। जिसके चलते नगर भर में चल रहे अवैध प्लाटिंग पर अब तक शिकंजा नही कसा जा सका है। इस मामले को लेकर एसडीएम सरायपाली से संपर्क किया गया परन्तु संपर्क नही हो पाया।
बसना में सभी कॉलोनियां अवैध है, किसी ने भी कॉलोनाइजर एक्ट का पालन नही किया है। इस मामले को लेकर विभागीय मंत्री एवं महासमुंद कलेक्टर को सूची भेज कर आवगत करा दिया गया है।”दिनेश यादव, मुख्य नगर पालिका अधिकारी बसना