ठगों का नया कारनामा , मेडिकल एमरजेंसी का झांसा देकर लगाया RTGS के जरिए बैंक को लाखों की चपत
रायपुर( काकाखबरीलाल).एक समय में कार में सवार 4-5 डकैत मुंह पर कपड़ा बांधे बैंक में घुसते थे, और लाखों रुपए लेकर फरार जाते थे. लेकिन अब सबकुछ डिजिटल हो चुका है. डकैत भी ठग बनकर अपना काम तकनीक के सहारे कर रहे हैं. ऐसा ही वाकया रायपुर में हुआ है, जहां सिविल लाइंस स्थित IDBI बैंक से एक ठग ने डिजिटल डकैती करते हुए 23 लाख 31 हजार 955 रुपए उड़ा लिएप्रदेश में अपनी तरह के पहले मामले की शिकायत पुलिस के पास पहुंची है. बैंक मैनेजर राजेश प्रसाद ने इस केस में पुलिस से जांच की मांग की है. खास बात ये है कि ठग ने बैंक इस ब्रांच के ग्राहक एक स्टील कारोबारी का नाम लेकर फोन और ई-मेल किया और ये रकम हासिल कर ली.IDBI बैंक के सेवा संचालक प्रबंधक रवि शेखर सिंह ने पुलिस को बताया कि उनकी बैंक शाखा में मेसर्स बैद स्टील प्राइवेट लिमिटेड का अकाउंट है. इसे मंजू बैद, सोनल बैद, संयम बैद, श्रेयांश बैद ऑपरेट करते हैं. 2 जुलाई को उन्हें 9871364226 नंबर से कॉल आया. फोन करने वाले खुद को संयम बैद बताया. उसने कहा कि एक मेडिकल एमरजेंसी में रुपयों की जरूरत है, पैसे अस्पताल में देने हैं. उसने RTGS के जरिए पैसे देने को कहा. बैंक वालों को भरोसे में लेने के लिए एक डिमांड लेटर बैंक की शाखा में उसने मेल भी किया.
पत्र में किए गए संयम बैद के हस्ताक्षर को खाते में हस्ताक्षर के साथ मिलाकर उसके बताए अकाउंट्स में रुपए ट्रांसफर कर दिए गए. रुपए ट्रांसफर किए जाने के बाद बैंक में मेसर्स बैद स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संयम बैद ने उसी दिन कॉल किया. रुपए ट्रांसफर होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने कहा कि मैंने कोई मेल नहीं भेजा ना ही अस्पताल की इमरजेंसी जैसी कोई बात है. हड़बड़ा कर संयम बैद बैंक की सिविल लाइंस ब्रांच पहुंच गए. बैंक के लापरवाह कर्मचारियों पर बरसते हुए उन्होंने ठग के नंबर पर कॉल किया.
हैरानी की बात थी कि असली संयम बैद को ठग ने अपना परिचय संयम बैद के रूप में ही दिया. उसने कहा कि वो बैंक आकर मुलाकात करेगा मगर कोई नहीं पहुंचा. इसके बाद बैंक के ब्रांच आफिसर्स ने फौरन उन बैंकों से संपर्क किया, जहां ठग के कहने पर रुपए भेजे गए थे. HDFC बैंक के खाते को लॉक करवाने में टीम कामयाब रही. इसमें लगभग 19 लाख 9000 रुपए थे. बाकी के खातों से ठग ने रुपए निकाल लिए था. हालांकि, बैंक ने उन खातों को सीज करवाकर उनकी जानकारी पुलिस को दी है.बैंक प्रबंधन ने ये बात कबूली है कि ठग के पास बैंक खाते के विवरण, ग्राहकों की पर्सनल डीटेल जैसे मेल आईडी, हस्ताक्षर की जानकारी है. इस केस में अब पुलिस से जल्द कार्रवाई की मांग की गई है. पुलिस के साथ सायबर सेल की टीम इस डिजिटल डकैती के केस को अब सुलझाने की कोशिश में है.