जिस आंख से दुनिया अंधकार थी…… आपरेशन के मिली दुनिया देखने की शक्ति
(रायपुर काकाखबरीलाल).
डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के नेत्र रोग विभाग के नेत्र व रेटिना विशेषज्ञ डॉ. संतोष सिंह पटेल ने एक मरीज की सफल सर्जरी कर खो चुकी आंखों की दृष्टि या यूं कहें रोशनी को वापस लाया है। यह ऑपरेशन इसलिए विशेष है कि मरीज रेटिना की बीमारी में दायीं आंख की रोशनी गंवा चुका था। जिसमें रोशनी के वापस आने की कोई उम्मीद नहीं थी। उसके बाद दुर्भाग्यवश बायीं आंख, जो थोड़ी-बहुत ठीक थी। जिसमें ऑपरेशन से रोशनी दुबारा वापस आ सकती थी। उसे भी बाथरूम में गिरकर गंवा दी। परिणामस्वरूम मरीज की दोनों आंखें खराब हो गईं। डॉ. संतोष सिंह पटेल ने रिस्क लेते हुए दायीं आंख का एक के बाद एक तीन चरणबद्ध ऑपरेशन किये। नेत्र ज्योति लौटाने के लिये 27 जनवरी को मरीज का अंतिम ऑपरेशन किया जिसके बाद दायीं आंख में 6 /18 दृष्टि है।
रेटिना की बीमारी के इलाज के लिये पहुंचा था मरीज:-
बिलासपुर, अशोक नगर निवासी 71 वर्षीय मरीज मनबहल सिंह ठाकुर सबसे पहले सिम्स हॉस्पिटल बिलासपुर में 1 नवंबर को दिखाया जहां पर रेटिना की बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर रिफर किया। मेकाहारा में रेटिना विशेषज्ञ डॉ. संतोष सिंह पटेल ने 2 नवंबर को जाँच की तब उस वक्त उनके दायीं आंख में हैंड मूवमेंट के आस-पास ही दृष्टि थी तथा रेटिना में समस्या थी। वहीं बायीं आंख की जांच करने पर उसमें 1 मीटर के आस-पास तक ही दृष्टि थी और इस आंख में रेटिना थोड़ा ठीक था इसलिए मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए कहा गया। चूंकि दायीं आंख में कोई रोशनी आने की उम्मीद नहीं थी इसलिए बायीं आंख के ऑपरेशन की सलाह दी गयी। बायीं आंख में यदि दृष्टि लौट आती है तो बाद में दायीं आंख का रेटिना का ऑपरेशन करके एक प्रयास करने की बात कही गयी। विशेषज्ञों की टीम:- विभागाध्यक्ष डॉ. एम. एल. गर्ग के मार्गदर्शन में हुये इस ऑपरेशन में एसोसिएट प्रोफेसर व रेटिना स्पेशलिस्ट डॉ. संतोष सिंह पटेल, डॉ. डॉ. राजेश, डॉ. कमलेश, डॉ. विनीत, डॉ. बलवंत, डॉ. मानसी, एनेस्थेसिया से डॉ. जया लालवानी की विशेष भूमिका रही।