जांजगीर चांपा

स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर हो रहा था घोटाला आरटीआई से खुला राज

काकाखबरीलाल:-जांजगीर चांपा भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति शौचालय 12000 राशि उपलब्ध कराया जा रहा था ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव गुणवत्ताहिनकार्य कर शौचालय निर्माण की राशि डकार ने में पीछे नहीं रहेl इस घोटाले का खुलासा आरटीआई के जरिए हुआl जनपद पंचायत डबरा के अंतर्गत ग्राम पंचायत बाड़ादरहा के ग्रामीणों द्वारा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत निर्मित शौचालयों में सरपंच सचिव द्वारा भारी अनियमितता किए जाने की शिकायत करते हुए जांच की मांग की गई थी। उक्त शिकायत की जांच हेतु जनपद पंचायत डबरा कार्यालय के पत्र क्रमांक162 स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण जनपद पंचायत2018,19 डबरा दिनांक10. 1.2019 को जांच कर सात दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने आदेशित किया गया थाl गठित जांच दल द्वारा नियत दिनांक15.1.2019 से दिनांक17.1.2019 तक घर घर जाकर जांच किया गयाl जांच के समय सचिव श्री तामेश्वर चन्द्रा अपरिहार्य कारण वश अनुपस्थित रहे। जांच दल द्वारा अलग से 4 टीम बनाकर घर घर जाकर प्रत्येक शौचालय का निरीक्षण एवं हितग्राहियों से बयान लिया गया जिसके आधार पर दिनांक7.2.2019 को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया ग्राम पंचायत बाड़ादरहा द्वारा 267 नग शौचालय पंचायत द्वारा निर्माण कराए जाने का प्रमाण पत्र दिया गयाl स्वयं के व्यय से निर्मित शौचालय की संख्या निरंक बताई गईl जबकि बाद में सरपंच द्वारा हस्ताक्षरित 53 हितग्राहियों के द्वारा स्वयं के व्यय से निर्मित शौचालय की सूची जनपद पंचायत डबरा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण शाखा में जमा किया गयाl जबकि जांच प्रतिवेदन में 53 हितग्राहियों के अलावा 101 हितग्राहियों द्वारा स्वयं के व्यय से शौचालय निर्माण किया जाना प्रतिवेदित हें । प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर सरपंच सचिव को नोटिस जारी किया गया एवं जवाब मांगा गया। दिनांक21.2.2019 को 101 हितग्राहियों की एवं 12 अपूर्ण शौचालय की जानकारी सचिव को दिया गया तत्पश्चात ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव द्वारा दिनांक5.3.2019 को नोटिस के जवाब के विरुद्ध अपना जवाब एवं267 हितग्राहियों की सूची प्रस्तुत किया गयाl प्रस्तुत जवाब का अवलोकन किया गयाl जिसमें सरपंच सचिव द्वारा मात्र 53 हितग्राहियों द्वारा स्वयं के व्यय से शौचालय निर्माण किराने प्रतिवेदित क्या गया जिसके साक्ष्य स्वरूप सूची प्रस्तुत क्या गयाl उक्त सूची में राशि भी दर्शायी गई। जिसमें हितग्राहियों का हस्ताक्षर भी है जो यह प्रमाणित करता है की उतनी उतनी राशि हितग्राहियों को प्रदाय किया गया है। जब ग्राम पंचायत के ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के बैंक खाते पर रोक लगा है जिससे हटाने का अनुरोध सरपंच सचिव द्वारा किया गया फिर हितग्राहियों के सम्मुख राशि अंकित कर हस्ताक्षर सुधा सूची प्रस्तुत करना फर्जीवाड़ा को प्रदर्शित करता है। अपूर्ण व प्रारंभ शौचालय के संबंध में जांच दल द्वारा स्वनिर्मित शौचालय में से तीन शौचालय को अपूर्ण बताया गया है। जबकि हितग्राहियों के बयान लिया गया मीराबाई लक्ष्मण फूलबाई दौलत लक्ष्मीन दौलत का शौचालय आधा अधूरा एवं अपूर्ण है। हितग्राही मालती बाई उदय राम का शौचालय अपूर्ण शान्ति बाई सुरेश का अपूर्ण लक्ष्मीन श्रीराम का शौचालय प्रारंभ बताया गया । जिसमें स्वयं हितग्राहियों का हस्ताक्षर भी है। इस प्रकार से सात शौचालय जांच दिनांक को अपूर्ण था। कथा पंचायत द्वारा निर्मित शौचालय में से शौचालय पूर्ण था। इस प्रकार से कुल 15 शौचालय अपूर्ण पाया गया। सरपंच सचिव द्वारा बताया गया है कि 4 हितग्राही जिनका पूर्व से शौचालय पूर्ण है। वह नाम इसमें शामिल ही नहीं है। सरपंच सचिव उक्त जवाब भ्रमात्मक एवं संतोषप्रद नहीं है। यह बात सत्य है की शिकायतकर्ता एवं अन्य कुल लोगों का नाम बेसलाइन सर्वे सूची में अंकित नहीं है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि पंचायत द्वारा सावधानीपूर्वक बेसलाइन सर्वे कार्य नहीं किया गया यदि बेसलाइन सर्वे में नाम नहीं था तो इन्हें शौचालय निर्माण कराने के समय स्पष्ट रूप से हितग्राहियों को अवगत कराना सचिव सरपंच का दायित्व बनता है। जिसका निर्वहन सरपंच सचिव द्वारा नहीं किया गया जिसके कारण ही शिकायत की स्थिति निर्मित हुई। सांसों से स्पष्ट होता है कि ग्राम पंचायत बाडादरहा मैं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत फर्जीवाड़ा करने की दृष्टि से ही सरपंच सचिव द्वारा जानबूझकर स्वयं के व्यय से निर्मित शौचालय 154 की संख्या को एक बार निरंजन दूसरे बार 53 हितग्राहियों का सूची दिया गया । जिसमें से अभी तक पंचायत द्वारा निर्मित शौचालय में से 9 शौचालय एवं स्वयं के व्यय से निर्मित 7 शौचालय अपूर्ण है कुल 15 नग शौचालय जांच दिनांक तक अपूर्ण एवं स्वयं के व्यय से निर्मित शौचालय के हितग्राहियों को अब तक प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया। जिससे शिकायत कर्ताओं का शिकायत को सही पाया गया। जिसके लिए सरपंच सचिव दोनों ही बराबर के दोषी हैं अपूर्ण शौचालय को छोड़कर स्वयं के व्यय से निर्मित शौचालय के दीवानों को नियमानुसार प्रोत्साहन राशि भुगतान कराने एवं अपूर्ण एवं गलत जानकारी प्रस्तुत करने का दोषी मानते हुए सरपंच सचिव के विरुद्ध उचित आवश्यक कार्यवाही कि मांग की गई यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता भीखम प्रसाद महिलांगे द्वारा सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगा कर खुलासा किया गया

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