सड़क बनाने के नाम पर काट डाले सैकड़ों झाड़,पीडब्ल्यूडी विभाग मूक।
संतोष पटेल,भंवरपुर।यह मामला पी डब्लू डी रोड डोंगरीपाली से झार मुड़ा रिगल कंस्ट्रक्शन महासमुंद के द्वारा एवं दूसरा रोड धानापाली से कोदोपाली पीयूष कंस्ट्रक्शन विनोद प्रधान के द्वारा बनाया जा रहा है ।डोंगरी पाली से झारमुड़ा रोड बहु प्रतिक्षित था। क्षेत्र के लोगों की ना जाने कितीनी मिन्नते न जाने कितनी गुहारो के बाद ये सड़क बन रही है। उस पर भी ठेकेदार एवं अफसरशाही के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। अभी सड़क निर्माणाधीन है ।हम ग्रामीणों की शिकायत पर वस्तु स्तिथि जानने सड़क पर पहुंचे ।सारा माजरा सामने आया कि ठेकेदार अधिकारी किसी भी तरह से इस रोड को सरपट बना कर अपने काम और अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री करना चाह रहे हैं ।वहीं सड़क के काम एवं झाड़ काटे गए मसले को एस डी ओ पी डब्ल्यू डी रामटेके को अवगत कराया।हमने निर्माणाधीन सड़क पर आने को कहा। जिस पर उन्होंने ना आने की बात कही ।हमने ई ई पी डब्ल्यू डी से बात करनी चाहिए उनसे संपर्क ना होने पर हम ने जिलाधीश महासमुन्द से झाड़ काटे गए मसले पर बात की। उन्होंने ई ई पी डब्ल्यू डी खामरा से बात करने को कहा एवं स्वयं संज्ञान में लेने की बात कही ।जिस एस डी ओ के पास निर्माण स्थल आने को समय नहीं था उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लेते ही सड़क निर्माण स्थल पर पहुंचने की सूचना हमें फोन से तुरंत दी गई ।एस डी ओ ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता हीन कार्य एवं ठेकेदार द्वारा अंधाधुंध कटे गए झाड़ को स्वीकार करते हुए कार्यवाही करने का आश्वासन दिया । शासकीय भूमि, निजी भूमि या वन भूमि पर से मिट्टी निकालने के लिए सैकड़ों झाड़ जे सी बी से गिरा दिए गए हैं ।मुरम मिट्टी निकाले गए जगहों के आसपास हर तरह के पेड़ आच्छादित है ।वह जगह विरान दिख रहा है जहां से मिट्टी निकाली गई है । पर्यावरण संतुलन के लिए वृक्ष लगाने ,उसकी महत्ता को जनता तक पहुंचाने सरकार ने करोड़ो रूपये खर्च किए है। और यहां तो अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत चरितार्थ करता यह ठेकेदार और सरकारी अमला ।ग्रामीणों में खुशी तो है कि सड़क बन रही है। साथ में यह भी आभास है कि सड़क गुणवत्ता हीन बन रहा है। कई विशालकाय झाड़ जिनकी उम्र 50 साल से भी ज्यादा रही होगी जिनमें साजा ,सरई, महुआ, आम ,नीम सागवन और कई प्रजाति के झाड़ इन गैर जिम्मेदारों के करतूतों की भेंट चढ़ गए ।
झारमुड़ा ग्राम के अंतर्गत रक्षित भूमि से किस आदेश और किसके निर्देश पर इस भूमि से बेश कीमती झाड़ को गिराकर मुरम मिट्टी निकाला गया है जांच का विषय है । सड़क पर पानी निकासी के लिए ढोल लगाए जाते हैं उनके लगाने के तौर तरीके नियम विरुद्ध है मनमानी लगाए गए हैं। पहले बेस किए जाते हैं वह भी नहीं है। बोल्डर के ऊपर ढोल रखे गए हैं। कई ढोल टूटे फूटे अमानक हैं ।ठेकेदारों को यह भी पता नहीं कि ढोल में मेल फीमेल फिक्स किया जाता है जिसे नहीं किया गया है। इन सब बातों से साफ जाहिर होता है कि पीडब्ल्यूडी के स्टाफ की गैरमौजूदगी में काम होता है या यूं कहें पीडब्ल्यूडी का अमला सब इंजीनियर साइड में जाते ही नहीं है ।इन सब बातों से साफ जाहिर होता है कि पीडब्ल्यूडी के स्टाफ की गैरमौजूदगी में काम होता है या यूं कहें पीडब्ल्यूडी का अमला सब इंजीनियर साइड में जाते ही नहीं है केवल टायरिंग के वक्त अपना कोई नुमाइंदा छोड़ देते हैं। यही कारण है कि सब इंजीनियर को यह भी पता नहीं कि कितने झाड़ काटे गए कितने ढोल लगाए गए हैं। उनकी गुणवत्ता कैसी है उन्हें कुछ भी पता नहीं। हम ने इस मसले से मुतालिक अधिकारियों से बात करनी चाही तो उनके सरकारी नंबर बंद मिले। आश्चर्य का विषय है कि पीडब्लूडी के ई ई जैसे पद पर विराजमान व्यक्ति भी गैर जिम्मेदार हो सकता है? तो उस विभाग का भगवान ही मालिक।
कथन
सब इंजीनियर सिन्हा
फोन रिसीव नही करता है
एस डी ओ
निधि रामटेके
मेरे पास समय नही है।
अधिकारियों के संज्ञान में लेने के बाद,,,
मैं निर्माणाधीन सड़क पर हु,आ जाये।
ई ई
आर के खामरा
सरकारी नम्बर बन्द,कलेक्टर महासमुन्द ने एक नम्बर दिया,ई ई ने फोन रिसीव नही किया।
कलेक्टर महासमुन्द
मैं ई ई का एक नम्बर दे रहा हु,आप उनसे भी बात करले,मैं तो संज्ञान में ले ही रहा हु,