विद्यालयों में नशा मुक्त भारत निर्माण – एक पहल अभियान के अंतर्गत कार्यक्रमों का आयोजन
सरायपाली@ काकाखबरीलाल। नशा मुक्ति अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक का आयोजन विकासखंड सरायपाली के विभिन्न विद्यालयों में नशा मुक्त भारत निर्माण – एक पहल अभियान के अंतर्गत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।एसडीएम सरायपाली सुश्री नम्रता चौबे आई ए एस, विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकाश चंद्र मांझी, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी डी.एन. दीवान, बीआरसीसी सतीश स्वरूप पटेल,नोडल प्राचार्यों, संकुल समन्वयकों के मार्गदर्शन एवं मास्टर ट्रेनर शैलेंद्र नायक, नोडल शिक्षक संतोष कुमार साव, कैलाश चंद्र पटेल, सुन्दर लाल डडसेना के मार्गदर्शन में नशा मुक्ति अभियान कार्यक्रम के तहत नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया गया।जिसमें विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा नुक्कड़ नाटक कर नशा मुक्ति अभियान पर प्रदर्शन कर लोगों को संदेश दिया गया।चौक-चौराहों, गलियों में रैली निकालकर नशा से नाता छोड़ो खुशी जीवन से नाता जोड़ो नारों से आसमान गुंजने लगा और लोगों को नशा से दूर रहने का आग्रह किया गया। इस अभियान में विकासखंड के उच्च प्राथमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में सिंघोड़ा,केदुवां,डुडूमचुवां,पझरापाली, चट्टीगिरोला, कुसमीसरार, जम्हारी,नवागढ़, चारभांटा,टेमरी, केंदुढा़र,तोरेसिंहा,रिमजी,मोंहदा,बलौदा एवं शास.आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरायपाली ने कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया।बीईओ मांझी ने कहा नशे की लत से लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं। नशे से लीवर खराब होने, हृदय संबंधी रोग, सांस संबंधी समस्याएँ और शरीर में तंत्रिका तंत्र को हानि जैसे कई रोग हो सकते हैं। मादक द्रव्यों के सेवन को अक्सर अवसाद, चिंता और मनोविकृति जैसे मानसिक स्वास्थ्य विकारों से जोड़ा जाता है। यह पहले से मौजूद मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों को भी बढ़ा सकता है। नशे से लोगों व्यवहार में बदलाव हो सकते हैं, जिससे निर्णय लेने की क्षमता कमज़ोर हो सकती है और विकट परिस्थितियों में दुर्घटनाओं और चोटों की संभावना बढ़ सकती है। नशा मुक्ति इस समस्या से छुटकारा पाने का उपाय है जिस पर ध्यान देना आवश्यक है।
बीआरसीसी पटेल ने कहा नशीले पदार्थों की लत एक व्यापक समस्या है। यह दुनिया भर में कई लोगों को प्रभावित करती है। लोगों में नशे की लत जल्दी से विकसित हो सकती है और एक बार नशे की आदत लगने के बाद इसे रोकना मुश्किल हो जाता है। नशे के उपयोग से गंभीर दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं होती है और व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन भी हो सकता है। लत के सामान्य लक्षणों में भूख न लगना, खराब समन्वय, बेचैनी, काम में रुचि न लेना, वित्तीय समस्याएँ, गुप्त व्यवहार, बार-बार मूड में बदलाव और चिंता शामिल हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए नशा मुक्ति ही एक उपाय है। कुछ लोगों का मानना है कि लत पर काबू पाना सिर्फ़ इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। नशे की लत मस्तिष्क पर भी प्रभाव होता है। नशे के प्रभावों से बचने के लिए इसे तुरंत छोड़ना ही बचाव का एकमात्र उपाय है
नशे की लत व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। नशे के तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के प्रभाव होते हैं। नशे की लत मस्तिष्क, गले, फेफड़े, पेट, अग्नाशय, यकृत, हृदय और तंत्रिका तंत्र जैसे विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। शरीर और मस्तिष्क को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाने के लिए नशा मुक्ति आवश्यक है। नशा मस्तिष्क के कार्य को बाधित कर सकता है, जिससे निर्णय लेने और गाड़ी चलाने के समस्या हो सकती हैं। इससे अवसाद, अल्जाइमर रोग, अनिद्रा, चिंता और अन्य समस्याओं जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी दुर्वादल दीप ने दिया।