सरायपाली :शिक्षक के अभाव में कॉमर्स विषय की नहीं हो रही पढ़ाई
सरायपाली( काकाखबरीलाल). शासन द्वारा अंग्रेजी माध्यम स्कूल शहर में खोलने के बाद, हिंदी माध्यम में अध्यापन कर रहे शिक्षक शहर की ओर रुख कर रहे हैं। नतीजन ग्रामीण अंचल की स्कूल की पढ़ाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और यहां तक की विषय शिक्षक की कमी के कारण पढ़ाई ही बंद हो गई है। कुछ इस तरह का मामला ग्राम किसड़ी में सामने आया है। जहां विषय शिक्षक की कमी के कारण कॉमर्स की पढ़ाई बंद हो गई है।जहां मंगलवार 29 नवंबर को जन समस्या निवारण शिविर भी आयोजित की गई थी। स्कूल से मिली जानकारी अनुसार शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल किसड़ी 9वीं से 12वीं तक ढाई सौ से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत है।
जहां विभिन्न विषयों के शिक्षकों की कमी बनी हुई है। यहां तक के प्राचार्य के पद ही रिक्त है। प्रभारी प्राचार्य के भरोसे स्कूल संचालित हो रहा है। पहले से ही विषय शिक्षक की कमी से जूझ रहे किसड़ी स्कूल में 2 वर्ष में 4 शिक्षक के प्रतिनियुक्ति होने पर अंग्रेजी स्कूल आत्मानंद स्कूल में चले जाने, 3 शिक्षक रिटायर्ड, एक शिक्षक के ट्रांसफर होने के चलते प्राचार्य सहित 12 विषय के शिक्षक के पद रिक्त है। विज्ञान विषय के 2 शिक्षक, भौतिकी के एक, कामर्स के दो, संस्कृत, अंग्रेजी, हिन्दी, राजनीति, व्यायाम, ग्रंथपाल के एक-एक व प्राचार्य के एक पद रिक्त है। इसके अलावा चार भृत्य, एक चौकीदार, एक लिपिक के पद खाली है। शिक्षकों की कमी के कारण किसड़ी स्कूल में पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो रही है। विज्ञान, कॉमर्स की पढ़ाई इस तरह से ठप हो गई है। कॉमर्स की पढ़ाई स्कूल में पूर्ण रूप से बंद हो गई है। विषय शिक्षक की कमी का असर विद्यार्थियों के बोर्ड के नतीजे पर भी पड़ेगा। कई विद्यार्थी शिक्षक के अभाव के चलते होनहार होने के बावजूद मेरिट में जगह नहीं बना पाएंगे। प्राचार्य राजेंद्र भोई से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 4 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति व 3 शिक्षक रिटायर्ड होने पर विषय शिक्षकों की कमी बनी हुई है।हिंदी माध्यम स्कूल की पढ़ाई बाधित
अंग्रेजी स्कूल के लिए अलग से शिक्षकों की भर्ती न होने के कारण,हिंदी माध्यम स्कूल के शिक्षक प्रतिनियुक्ति में अंग्रेजी माध्यम स्कूल आ गए हैं। इससे हिंदी माध्यम की पढ़ाई बाधित हो रही हैं, किसड़ी ही एकमात्र स्कूल नहीं है, बल्कि और कई ऐसे स्कूल हैं जहां आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में शिक्षक के आने के पश्चात वहां शिक्षकों की कमी बनी हुई है। अच्छे शिक्षा देने अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला जा रहा है लेकिन शिक्षक भर्ती न करने के कारण दूसरी और शासन द्वारा पहले से संचालित हिंदी माध्यम स्कूल की पढ़ाई पूर्ण रूप से चरमरा गई है।