नानक सागर में सिक्ख समाज द्वारा कीर्तन समागम हुआ आयोजित
जिले के प्रसिद्ध नानक सागर में सिक्ख समाज द्वारा आयोजित कीर्तन समागम में रविवार को सिक्ख भारी संख्या में उमड़ पड़े। शबद कीर्तन के कार्यक्रम में प्रदेश भर के हजारों सिक्ख महिला पुरुषों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
सिक्खों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी के अपनी अमरकंटक से पूरी यात्रा के दौरान नानक सागर में रुकने की बात सामने आते ही यहां सिक्खों की आस्था जुड़ गई। अब इस स्थान पर विश्वस्तरीय गुरुद्वारा निर्माण की चर्चा के बाद निर्माण कार्य भी प्रारम्भ होने की दिशा में बढ़ रहा है। आस्था जुडऩे के बाद आज प्रदेश स्तर पर सिक्खों द्वारा शबद कीर्तन एवम लंगर का आयोजन किया गया। सुबह 11 बजे से कोई 2 बजे तक रायपुर से पहुचे कीर्तन जत्थे द्वारा शबद कीर्तन का कार्यक्रम चला इसके बाद निर्माण स्थल पर ही गुरु का लंगर भी आयोजित किया गया।
प्रत्येक माह होगा आयोजन
आयोजक गुरुद्वारा निर्माण समिति के सदस्यों एवम पदाधिकारियों ने बताया कि अब प्रत्येक माह की पूर्णिमा में शबद कीर्तन एवम लंगर का कार्यक्रम आयोजित होगा। आज के कीर्तन समागम में प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र सिंह छाबड़ा, स्टेशन रोड गुरुद्वारा के अध्यक्ष निरंजन सिंह खनूजा, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह छाबड़ा, गुरद्वारा बाबा बुढ़ा जी के अध्यक्ष हरकृष्ण सिंह राजपूत, रायपुर से रिंकू ओबरॉय, दिल्ली से देवेंद्र सिंह आनंद, नानक सागर गढफ़ुलझर गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह हरजू एवं महिपाल सिंह,गुरुद्वारा कमेटी बसना से मंजीत सिंह सलूजा, लाल सिंह, मनजीत सिंह छाबड़ा एवं सराईपाली से रोमी सलूजा, पिथौरा से जगजीत सिंह माटा एवम कुलवंत सिंह खनूजा, सहित महासमुंद जिले के बसना, सराईपाली, पिथौरा, सांकरा, बागबाहरा, सहित सारंगगढ़ खरियार रोड के सिक्ख महिलाएं एवम पुरुष भारी संख्या में मौजूद थे।
आस्था का सैलाब उमड़ा
गुरु के चरणों के स्थान पर अब आस्था का सैलाब उमडऩे लगा है, जब से नानक सागर चर्चा में आया है। तब से देश भर के विभिन्न क्षेत्रों से दुखी एवम सुख की कामना के लिए लोगों का लगातार यहां पहुचना जारी है। आज भी रायपुर की एक सिक्ख महिला स्वयम के पक्षाघात को ठीक करने की मन्नत के साथ यहां पहुची थो जिसे कुर्सी में ही दो युवक उठा कर कार्यक्रम स्थल तक ले कर आये थे। नानक सागर में आयोजित शबद कीर्तन कार्यक्रम में नीलांचल सेवा समिति के संस्थापक सम्पत अग्रवाल पूरे समय श्रद्धा भाव से जुड़े रहे।