काकाखबरीलाल रायपुर,5 मार्च 2018
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से शैक्षणिक सत्र 2018-19 में प्रवेश दिया जाना है। इन विद्यालयों में 870 बालकों तथा 630 बालिकाओं को प्रवेश का मौका मिलेगा। प्रवेश परीक्षा हेतु आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 20 मार्च 2018 निर्धारित की गई है। इस आशय का परिपत्र प्रदेश के सभी संबंधित जिला कलेक्टरों को कार्यालय आयुक्त, छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति, इंद्रावती भवन नया रायपुर से जारी कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि नये शैक्षणिक सत्र 2018-19 में प्रति विद्यालय अनुसूचित जनजाति वर्ग के 60 विद्यार्थियों को 6वीं में प्रवेश हेतु चयन परीक्षा का आयोजन कर प्रावीण्यता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। प्रवेश परीक्षा हेतु आवेदन पत्र जिलों के कार्यालय सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग, संबंधित एकलव्य आदर्श विद्यालय के प्राचार्य से निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं तथा विभागीय वेबसाइट www.tribal.cg.gov.in से (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट ट्रायबल डॉट सीजीडॉटजीओव्ही डॉट इन)डाउनलोड किया जा सकता है।
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के अंतर्गत भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली के सहयोग से वर्तमान के प्रदेश के 24 जिलों में 25 एकलव्य आदर्श विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में छह बालक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय है, जिसमें जिला बस्तर के करपावण्ड, कांकेर जिले के अंतागढ़, सरगुजा जिले के मैनपाट, सूरजपुर जिले के शिवप्रसाद नगर, रायगढ़ जिले के मुढ़पार तथा जिला कबीरधाम के तरेगांव शामिल है, वहीं दो कन्या एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण और जशपुर जिले के सन्ना शामिल है।
इसी प्रकार 17 संयुक्त एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय जिन स्थानों पर संचालित किए जा रहे हैं, उनमें पेंड्री (जिला-राजनांदगांव), पोडीडीह (जिला-कोरिया) भैरमगढ़ (जिला-बीजापुर), छुरीकला (जिला कोरबा), बेसोली (जिला बस्तर), मर्दापाल (जिला कोण्डागांव), मरवाही (जिला बिलासपुर), नगरी (जिला धमतरी), डौंडीलोहारा (जिला बालोद), नारायणपुर, बलौदाबाजार, बलरामपुर, सुकमा, गरियाबंद, महासमुंद, मुंगेली तथा जांजगीर-चांपा शामिल है।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रायपुर से संबंद्ध इन आवासीय विद्यालयों में प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के बालक-बालिकाओं हेतु कक्षा 6वीं से 12वीं तक हिन्दी माध्यम से निःशुल्क अध्ययन की सुविधा है।