फर्जी मस्टररोल भरकर रोजगार सहायक ने किया हजारों का गबन

काकाखबरीलाल 03/01/018
मामला ग्राम पंचायत जलगढ़ का
नवभारत सरायपाली. – ब्लॉक अंतर्गत ग्राम जलगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मनरेगा के तहत निर्माण किए भवनों में मजदूरी भुगतान को लेकर रोजगार सहायक के द्वारा भारी अनियमितता बरतते हुए अन्य लोगों का नाम जोड़कर राशि का गबन किया गया है. जबकि वास्तविक मजदूरों को उनके द्वारा नाम मात्र का ही भुगतान किया गया है. ग्राम के सरपंच, सचिव सहित हितग्राही मजदूरों ने इसकी शिकायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित कलेक्टर महासमुंद एवं मुख्यमंत्री को भी किया है.
प्राप्त जानकारी अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जो भवन निर्माण किया जाता है उसमें यदि हितग्राही स्वयं या उनके परिवार के सदस्य मजदूरी कर निर्माण में सहयोग देते हैं तो योजना के अनुसार उन्हें 15 हजार रूपए भुगतान किए जाने का प्रावधान है. यदि वे मजदूरी नहीं करते हैं तो रोजगार सहायक बाहर से मजदूर बुलाकर निर्माण कार्य पूर्ण करवा सकते हैं. उक्त निर्माण कार्य मनरेगा के अंतर्गत आता है जिसके माध्यम से 15 हजार रूपए तक मजदूरी भुगतान किया जा सकता है. लेकिन कई ग्रामों में उक्त आवास योजना के अंतर्गत मजदूरी भुगतान करने में अनियमितता बरती जा रही है. इसी तरह का मामला ग्राम पंचायत जलगढ़ में देखा गया जहां हितग्राही के परिवार के सदस्यों द्वारा आवास निर्माण हेतु मजदूरी किए जाने के बाद भी उन्हें नाम मात्र का भुगतान कर अन्य लोगों के नाम से रोजगार सहायक द्वारा राशि आहरण कर लिया गया है. जब हितग्राहियों ने जनपद कार्यालय से इसकी जानकारी ली तब कहीं मामले का खुलासा हुआ.
इस तरह हुआ है फर्जीवाड़ा
प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही गार्गो साहू का 2016-17 में आवास योजना स्वीकृत हुआ था. जून 2017 में आवास बनकर पूर्ण हो गया था. भवन निर्माण में इनके परिवार के अंजना साहू, मालती साहू, अमर साहू, जयलाल, शंकरलाल एवं सप्तशीला मजदूरी का काम किए थे. इन्हें मात्र 2000 रूपए ही मजदूरी भुगतान मिला है. जबकि इनके मकान निर्माण हेतु लगे मजदूरों में गांव के चक्रधर, मीना, राधेश्याम, सुभाषिनी, मुरारी, झरना, जम्बो, किशन, परमेश्वर का नाम फर्जी रूप से मस्टर रोल में उल्लेखित किया गया है.
इसी प्रकार ग्राम के ही समारी का भी आवास पूर्ण रूप से बन गया है. इनके यहां मजदूरी करने वालों में इनके परिवार के मालती, ताराचंद, अहिल्या, गुणमणी, भालगव, उत्तरा, गंगाप्रसाद शामिल हैं. उन्हें मात्र 3000 रूपए का भुगतान किया गया है. जबकि उनके जगह पर रोजगार सहायक द्वारा फर्जी रूप से इन मजदूरों के स्थान पर गांव के श्वतेकुमार, हेमसागर, सुलोचना का नाम दर्ज किया गया है.
गांव के ही आवास निर्माण हितग्राही श्रीमती शांति राणा के निर्माण कार्य में महेंद्रो, कृष्णो, उमा बाई, रंगो बाई, दुबराज, जापो, दशरथ ने मजदूरी कार्य किया है. इनके स्थान पर गांव के ही बिलायची, धर्मजय, सब्या, गंगाराम, भारमोती, उत्तरा, रघुमणी, शशीकुमारी का नाम फर्जी रूप से दर्शाया गया है. आवास निर्माण हितग्राही के परिवार के सदस्यों को मजदूरी भुगतान कुछ भी नहीं मिला है. वहीं गांव के एक अन्य हितग्राही नेहरू ने बताया कि इनका भी आवास निर्माण जून 2017 में पूर्ण हो चुका है. आवास निर्माण में कार्य करने वाले वास्तविक मजदूर अशोक, खिरोदिनी, टीकाराम, एली राणा, मिन्थी, नेहरू हैं, लेकिन उनके जगह पर फर्जी रूप से मस्टर रोल में प्रकाश, नरेश, कविता, भागीरथी नानकपाली, चंद्रकांती, शशीमणी, भरत, नीरा, नरेंद्र, लिंगराज, सविता, अमित, अजीत, का नाम दर्ज किया गया है. इनमें से कुछ तो बड़े किसान हैं तो कुछ शिक्षक हैं, तो कुछ ग्राम के ही व्यक्ति नहीं है.
जाँच के उपरांत गलत पाए जाने पर होगी कार्यवाही – सीईओ
इसके अलावा पंचायत के ही आवास हितग्राही बरतराम पटेल, सुभाकर ग्वाल, विद्याधर राणा, बी के भोई, रामप्रसाद, गोपी आदि ने भी इसी प्रकार की शिकायत की है. सभी ने शिकायत करते हुए रोजगार सहायक पर कार्यवाही करने की मांग की है.
इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी पवन कुमार प्रेमी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अब तक जानकारी नहीं मिली है. यदि ऐसा है तो वे मामले की जाँच करवायेंगे तथा गलत पाये जाने पर संबंधित कर्मचारी के ऊपर कार्यवाही अवश्य होगी