सरायपाली: अंचल का एकमात्र धर्मशाला जहां 20 रूपए प्रतिदिन के खर्च पर ठहरने की व्यवस्था जानिए डिटेल्स
सरायपाली (काकाखबरीलाल).शहर में कई प्रकार के लॉज, धर्मशाला एवं विश्राम गृह आदि संचालित हैं। इनमें से विश्राम गृह का उपयोग तो राजनीतिक या विशिष्ट व्यक्ति ही कर पाते हैं, जबकि लॉज एवं धर्मशाला में रूकने के लिए कई लोगों के पास राशि भी नहीं होती है। ऐसे में केन्द्र सरकार के द्वारा संचालित एक ऐसी योजना है जिसमें लोगों को केवल 20 रूपए प्रतिदिन के खर्च पर ठहरने की व्यवस्था मिल सकती है। नगर के बस स्टैण्ड के पास बस्ती सरायपाली मार्ग पर आश्रय स्थल के नाम से महिला समूह के द्वारा संचालित एक धर्मशाला है, जिसमें उक्त नाम मात्र की राशि खर्च कर ठहरने की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
पं. दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत सरायपाली के बस स्टैण्ड के पास आश्रय स्थल नामक एक धर्मशाला संचालित है। सूर्योदय महिला क्षेत्रीय संघ सरायपाली के द्वारा संचालित इस आश्रय स्थल में आमजनों के साथ-साथ बाहरी लोगों के ठहरने के लिए उत्तम व्यवस्था बनाई गई है। जो व्यक्ति शहर के होटलों, लॉज में भारी रकम देकर ठहरने में असमर्थ होते हैं उनके लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है।
केवल 20 प्रतिदिन के नाम मात्र शुल्क देकर वे इस धर्मशाला में ठहरने का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना केन्द्र सरकार की है, जिसे सभी शहरों में संचालित की गई है। लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में लोग आश्रय स्थल का लाभ ठीक से नहीं उठा पा रहे हैं। वर्तमान में केवल विभिन्न कार्यों से सरायपाली न्यायालय आने वाले लोग ही यहां ठहरते हैं। बीते दिनों चुनाव के दौरान भी कुछ लोग यहां ठहरे हुए थे। शेष दिनों में इक्का दुक्का यात्री ही यहां रूकते हैं। यदि इसका सही प्रचार प्रसार हो जाए तो कई लोगों को इसका लाभ मिल सकता है।
दो वर्षों से किया जा रहा है आश्रय स्थल का संचालन
सूर्योदय महिला क्षेत्रीय संघ की अध्यक्ष प्रतिमा यादव ने बताया कि उनके द्वारा टेंडर लेकर विगत दो वर्षों से इस आश्रय स्थल का संचालन किया जा रहा है। इसके देख रेख व साफ सफाई के लिए 3 युवकों को नियुक्त भी किया गया है, जिसका खर्च महिला समूह द्वारा वहन किया जाता है। उन्होंने बताया कि यहां पर ठहरने के लिए दैनिक किराया मात्र 20 रूपए लिया जाता है, जिसमें उन्हें लाईट, पंखे, बाथरूम, बेड की सुविधा दी जाती है।
यहां पर दो मंजिला भवन बनाया गया है, जिसमें पुरूष वर्ग के लिए 1 कमरा है जिसमें 13 बेड हैं, वहीं महिला वर्ग के लिए भी 1 कमरा है, जिसमें 11 बेड की सुविधा है एवं दिव्यांग महिला हेतु 50 प्रतिशत आरक्षित है। इसके अलावा ऊपर कमरे में परिवार के लिए अलग कक्ष बनाया गया है, जो परिवार वाले हैं वे अलग से ठहर सकते हैं। वहीं एक अतिरक्त कक्ष भी है। ऊपर एवं नीचे दो ओर बाथरूम की व्यवस्था की गई है।
आश्रय स्थल में नहीं है भोजन की व्यवस्था
अध्यक्ष प्रतिमा यादव ने बताया कि अक्सर जो भी लोग यहां ठहरते हैं उन्हें भोजन के लिए दूर जाना पड़ता है। साथ ही जो कम राशि खर्च कर ठहरना चाहते हैं उनके लिए बाहर अधिक दाम देकर भोजन करना भी महंगा पड़ता है। ऐसे में यदि आश्रय स्थल में ही कम दामों पर भोजन की व्यवस्था भी मिल जाए तो अधिक संख्या में लोग यहां रूकना चाहेंगे। प्रशासन को इस ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। यदि प्रशासन संघ को इसकी जिम्मेदारी देती है और साधन उपलब्ध करवाती है तो वे भी इसका संचालन कर सकते हैं।
24 घण्टे आने जाने की है सुविधा
जिस तरह लॉज एवं होटलों में 24 घण्टे यात्रियों के आने-जाने के लिए सुविधा होती है और रिसेप्शन में एंट्री करने के लिए कर्मचारी उपलब्ध रहते हैं, उसी प्रकार आश्रय स्थल में भी नियुक्त कर्मचारी 24 घण्टे उपलब्ध रहते हैं। यात्रियों को आश्रय स्थल में रहने के लिए अपना आधार परिचय पत्र दिखाना होता है, उसके बाद निर्धारित शुल्क जमा कर वे वहां ठहर सकते हैं।