जिसे प्रशासन नहीं कर पा रहा, मातृ शक्ति ने वह कर दिखाया ऐसा क्या किए पढ़िए
शुकदेव वैष्णव,महासमुन्द- फ़ोटो देखकर यही समझ में आ रहा है कि महिलाएं पानी ला रही है … पर ऐसा नही है … इन डिब्बों में शराब की पॉस है। जिसे महिलाओं ने जंगल के भीतर जमीन को खोदकर निकाले हैं। यह अवैध करोबार सालों से चल रहा था, ग्रामीणों ने अवैध शराब बिक्री को लेकर पुलिस प्रशासन से कई बार शिकायत भी कर चुके हैं। लेकिन पुलिस यहां तक पहुंचने में सफल नहीं हो पाई। अंतत: बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम टोगोंपानी के मातृ शक्ति ने यह बीड़ा उठाया और शराब बनाने का जखीरा खोज निकाला।
जब जंगल के भीतर महिलाएं पहुंची तो इनके सामने कई प्रतिरोध बाधाएं भी आई।
यहां तक गाली-गलौज का सामना भी करना पड़ा, पर मातृशक्ति की एकजुटता से अवैध कारोबारियों पीछे हट गए।
महिलाओं ने शराब बनने वाली महुंआ जिसे जमीन में गड़ढे खोद सड़ाया जा रहा था।
उसे जब्त कोमाखान पुलिस के हवाले किया है।
बतादें कि पुलिस अब तक इस मामले टोगोंपानी निवासी चमन ठाकुर एवं टेकचंद ठाकुर के खिलाफ महिलाओं को पॉस से भरी डिब्बे को ले जाने से मना के
साथ गाली गलौज करने का मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने बताया कि अभी पांच लोग ऐसे है जिनके खिलाफ कार्रवाई किया जाना है।
कोमाखान पुलिस ने बताया कि महिलाओं द्वारा जब्त महुंआ पॉस करीब 70 से 80 किलो है।
पुलिस इस मामले लगातार संज्ञान लेकर कार्रवाई कर रहे हैं। बुधवार की सुबह से ही थाना प्रभारी और उनकी टीम ग्राम टोगोंपानी पहुंचे हैं।
यहां ग्रामीणों से पूछताछ जारी है।
ऐसे मातृशक्ति ने किया प्लानिंग
बतादें कि ग्राम टोंगोपानी में 8 महिला समूह है, जिसमें से 1 समूह शराब बनाने को लेकर विरोध कर रही थी।
इसी कारण यहां के जंगल में रोजाना 100 से 200 लीटर कच्ची शराब बनाई जाती थी।
लेकिन समूह ने तय कि प्रत्येक घर से एक महिला शराब बंद के खिलाफ कार्य करेगी,
इसके लिए बकायदा हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया।
और तय हुआ कि 20 अगस्त को जंगल जाकर शराब बनने वाली जगह का नेस्तानाबुत करेंगे।
आज तीन दिन हो चुका है। अब तक इन्हें 60 लीटर कच्ची शराब के अलावा, शराब बनने में उपयुक्त होने वाली 250 नग हंडी, मुंडी, पॉस डिब्बा के अलावा अनेक सामग्री मिले हैं। हालांकि ग्रामीणों 60 लीटर जब्त कच्ची शराब को अभी तक पुलिस के हवाले नहीं किया है।