नन्दकिशोर अग्रवाल।पिथौरा:-सांकरा जोक पुल अति पुराना होने तथा सुरक्षा हेतु रेलिंग नहीं होने के कारण कई हादसे हो रहे है, सिंगल रोडहोने के कारण कई बार एक दुसरे से टकराकर वाहन सहित पुल से निचे नदी में गिरकर नदी के बहाव में आ चुके है. जो शासन कि जानकारी में होने के बावजूद संज्ञान के ना लेना शायद अगली दुर्घटना का इंतजार करना ही कहा जा सकता है। ज्ञात हो कि पिथौरा से यदि सांकरा जाना हो तो लोगों को पुराना रोड को ही चुनना मजबूरी है।वैसे भी यात्री बसों को यात्री छोड़ने या लेने जाने के लिए पुराने रोड और पूल पर से हो कर सांकरा जाना मजबूरी है।और बारिश में लोग जान हथेली पर रख कर पुराने पूल का उपयोग करते हैं।जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है
विगत सालों में कई वाहन अपने ड्राइवर समेत रेलिंग के अभाव में नदी में गिरकर अपनी जान गवां चुके हैं। और वही हालात आज भी जस के तस बने हुवे है।लेकिन शासन प्रशासन की लापरवाही भी जस की तस है। शायद किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में।
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