सरायपाली :जर्जर सड़क में गिरकर चोटिल हो रहे विद्यार्थी
सरायपाली. झिलमिला से छोटे साजापाली पहुंच मार्ग इतना उबड़-खाबड़ हो गया है कि प्रतिदिन विद्यार्थी उक्त जर्जर सड़क में गिरकर चोटिल हो रहे हैं। धूल के गुब्बार से ग्रामीण और राहगीर परेशान हैं। कई बार सड़क निर्माण के लिए राशि भी स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन आज तक कार्य प्रारंभ ही नहीं हुआ है। इस जर्जर सड़क के चलते कई ग्रामीण और शिक्षक 10 से 15 किलोमीटर की अधिक दूरी तय कर स्कूल पहुंचते हैं।जानकारी अनुसार झिलमिला से बैदपाली होते हुए जम्हारी, छोटे साजापाली पहुंच मार्ग विगत 5 वर्षों से जर्जर हो चुका है। कई वर्ष पूर्व उक्त मार्ग का डामरीकरण किया गया था, लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि सड़क से पूरी तरह से डामर उखड़ कर गायब हो गए हैं। केवल गिट्टी ही गिट्टी नजर आती है। इसी मार्ग से प्रतिदिन बानीगिरोला हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूल पढ़ने के लिए आस-पास के बैदपाली, बानीगिरोला, दर्राभांठा, केंदुमुंडी, चकरदा, नूनपानी, कोकड़ी आदि गांव के 200 से अधिक विद्यार्थी आवाजाही करते हैं। किसी एक छोटे वाहन के आ जाने से संकरे मार्ग पर रास्ता देने जगह का अभाव है। इससे विद्यार्थी गिट्टी के चपेट में आकर चोटिल हो रहे हैं। हाल ही में स्कूल के 11 वीं कक्षा के विज्ञान विषय के छात्र बानीगिरोला निवासी हरिहर पटेल स्कूल के समीप गिरने से घायल हो गया है। उसके बाएं हाथ, पैर वहां चेहरे में गंभीर चोटें आई है। जब से वह हादसे का शिकार हुआ है, तब से स्वास्थ्य लाभ लेने के कारण स्कूल नहीं जा पाया है। समतल सड़क न होने व उबड़-खाबड़ होने के चलते राहगीरों चलना दूभर हो गया है।
दो बार राशि स्वीकृत, लेकिन कार्य प्रारंभ नहीं
भाजपा कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह विकास यात्रा के दौरान अचानक जम्हारी की स्कूल मैदान में उतरे थे। तभी ग्रामीणों ने रोड के दशा के बारे में अवगत कराया था। उक्त रोड को बनाने घोषणा की गई। राशि भी स्वीकृत हुई, लेकिन उनके कार्यकाल समाप्त होते कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पुन: ग्रामीणों की मांग ने जोर पकड़ा। राशि स्वीकृत हुई, लेकिन आज तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। जबकि, उसी तिथि को स्वीकृत अन्य मार्ग की सड़क में आधा कार्य हो चुका है। भाजपा व कांग्रेस के कार्यकाल में करोड़ों रुपए सड़क निर्माण के नाम पर राशि तो स्वीकृत होती है, लेकिन कार्य प्रारंभ ना होने के कारण ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है।
डामरीकृत मार्ग की ओर से पहुंचते हैं जम्हारी
झिलमिला से छोटा सजापाली पहुंच मार्ग अति जर्जर होने पर मुंधा, लिमाऊगुंडा, जम्हारी, जोगीडीपा के ग्रामीण डामरीकृत बिछिया, सागरपाली, दुलारपाली मार्ग की ओर शिक्षक स्कूल, ग्रामीण गांव, धान उपार्जन केंद्र के कर्मचारी खरीदी केंद्र जम्हारी पहुंचते हैं।