पिथौरा : स्कूली छात्राओं ने तैयार किया स्मार्ट चश्मा जैसे ही वाहन चालक को झपकी आएगी चश्मे सेंसर डिटेक्ट करेगा
सोमवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर पिथौरा की स्कूली छात्राओं ने लंबे सफर के दौरान वाहन चालक को आने वाली झपकी और इस दौरान होने वाली दुर्घटना से बचाने के लिए स्मार्ट चश्मा तैयार किया है। यह चश्मा वाहन चलाते समय झपकी आने पर न केवल अलार्म बजा देगा, बल्कि तेजी से वाइब्रेट होना शुरू हो जाएगा। यह प्रक्रिया वाहन के रुकने तक जारी रहेगी।
पिथौरा के संस्कार शिक्षण संस्थान व कन्या शाला की तीन छात्राएं पायल बरिहा, तेजस्वी डड़सेना और जितिका डड़सेना ने तीन महीने के परिश्रम से इसे तैयार किया है।छात्राओं को इसके लिए संस्कार शिक्षण संस्थान के संचालक गौरव चंद्राकर का मार्गदर्शन मिला। छात्राओं ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को चुनने का ख्याल टीवी और अखबारों में नींद और झपकी से होने वाले दुर्घटनाओं के खबरों को पढऩे के दौरान आया। यह चश्मा नींद आने पर चालक को अलर्ट करेगा।
इस चश्मे में आइआर सेंसर, बजर, अलार्म, वाइब्रेशन सेंसर और एलईडी लाइट लगाई गई है। इसे गाड़ी चलाते समय आसानी से पहना जा सकेगा। गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति को जैसे ही झपकी आएगी, इसमें लगा सेंसर इसे डिटेक्ट कर लेगा और अलार्म बजने लगेगा। इसके साथ ही इसमें लगी लाइट भी जलने लगेगी। इससे चालक सतर्क हो जाएगा। सामान्य स्थिति में इंसान हर मिनट में तकरीबन 15 बार अपनी पलकें झपकाता है। इसी के आधार पर चश्मे की टाइमिंग सेट की गई है।
मालूम हो कि महासमुंद जिला मुख्यालय स्थित आदर्श बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कल रविवार को राष्ट्रीय सह साधन प्रावीण्य परीक्षा हुई। यह परीक्षा दो पालियों में आयोजित हुई। जिसमें कक्षा आठवीं में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। पहली पाली की परीक्षा सुबह 10 से 12 बजे तक हुई और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 1 से 3 बजे तक हुई। इस परीक्षा का आयोजन राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की ओर से किया गया। कहा जा रहा है कि इसमें प्रावीण्य सूची में आने वाले छात्रों को कक्षा 10वीं तक पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति मिलेगी।
केंद्राध्यक्ष हेमेंन्द्र आचार्य के मुताबिक जिलेभर के करीब 246 बच्चों ने परीक्षा दी है। इस परीक्षा का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभावान विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करना है ताकि कक्षा आठवीं व दसवीं के बाद विद्यालय छोडऩे की प्रवृत्ति पर रोक लग सके। साथ ही उन्हें माध्यमिक स्तर तक अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहन मिल सके। केंद्र ने राष्ट्रीय साधन सह योग्यता छात्रवृत्ति एन एम एम एस एस योजना मई2008 में प्रारंभ की थी। कक्षा आठवीं के अध्ययनरत 305 बच्चों ने परीक्षा के लिए पंजीयन कराया था, लेकिन 246 बच्चे ही परीक्षा में शामिल हुए। बाकी 59 बच्चे परीक्षा नहीं दे पाए।