पीएम आवास पर लगा ग्रहण, केंद्र व राज्य सरकार के साथ-साथ अब हितग्राही परेशान
प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत ग्रामीण एवं नगरीय इलाकों में निर्मित होने वाले बीपीएल हितग्राहियों के आवास पर समय की मार जमकर पड़ रही है। इसमें एक ओर केंद्र व राज्य सरकार के बीच तनातनी एवं असामंजस्य के कारण योजना बन्द डिब्बे में वापस चली गई, जिससे ग्रामीण इलाकों के हितग्राहियों का आवास का सपना फिलहाल अधूरा हो गया है। वहीं, दूसरी ओर नगरीय व शहरीय इलाकों के आवास सुचारू रूप से प्रक्रिया में चलने के बावजूद महंगाई की मार के चलते लोग परेशान हैं। इसके कारण जिलाक्षेत्र के शहरी-नगरीय इलाके के रहवासियों को अब शासकीय राशि से मकान बनाना काफी कठिन हो गया है। हज़ारों की तादाद में आवास निर्माण पैसों की कमी के वजह से समय पर पूरे भी नहीं हो पा रहे हैं। लिहाजा पीएम आवास योजना के समस्त लाभान्वित हितग्राहियों को समय के साथ भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में दोनों निकायों में आवास योजना का स्वरूप बंटाधार स्थिति में आ गया है, क्योंकि शहरी-नगरीय इलाको के हज़ारों स्वीकृत मकानों के निर्माण पर महंगाई के कारण काफी प्रभाव पड़ रहा है। महंगाई बढ़ने से बिल्डिंग मटेरियल भी महंगा हो गया है, जिससे आवास पर स्पष्ट असर दिखाई पड़ रहा है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में योजना का सही ढंग से आगाज भी नहीं हो पाया था, कि योजना अधर में लटकती नज़र आ रही है। जिस ओर शासन-प्रशासन को संज्ञान में लेने की जरूरत है।