छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के जिला संयोजिका की सोशल मिडिया पे झूठे बयान पे हो रही किरकिरी,,
Source : bhaskar world
रायपुर। अब इसे आपसी खींचतान कहे या फिर शिक्षाकर्मी संगठन की राजनीति का गिरता हुआ स्तर लेकिन जो भी है वह चौकाने और विश्वास गिराने वाला है। छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ की जिला संयोजिका सविता साहू ने आज सोशल मीडिया फेसबुक पर एक कमेंट डाला जो देखते ही देखते प्रदेश के सभी व्हाट्सएप्प ग्रुप में वायरल होने लगा क्योंकि उन्होंने जो आरोप लगाया था वह काफी संगीन भी था और उसमें प्रदेश के मुखिया डॉक्टर रमन सिंह का नाम भी जुड़ा हुआ था सो देखते ही देखते यह खबर शिक्षाकर्मियों के बीच आग की तरह फैल गई। सविता साहू ने आरोप लगाया था की मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले शिक्षाकर्मी मोर्चा के रायगढ़ जिले के शिक्षाकर्मियों पर FIR दर्ज हो गया है और वह इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री जी ने कहीं भी मोर्चा से मिलने से मना कर दिया था और मोर्चा के सदस्य झूठ बोलकर उनसे मिलने गए थे। यानी कुल मिलाकर 1 शिक्षाकर्मी अन्य शिक्षाकर्मियों पर मुख्यमंत्री के बयान के साथ गंभीर आरोप लगा रही थी इस विषय में भास्कर वर्ल्ड ने मामले का पता लगाया तो मामला कुछ पूरी तरह झूठा और कुछ और ही है।
क्या है जिला संयोजिका सविता साहू के आरोपों की सच्चाई
दरअसल सविता साहू भी नवगठित शिक्षाकर्मी संगठन छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के महासमुंद जिले की जिला संयोजिका है और छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के गठन के बाद से ही उनकी मोर्चा से सोशल मीडिया पर बहस जारी है । इसी कड़ी में उन्होंने यह गंभीर आरोप लगाया था जो पूरी तरह झूठा निकला, दरअसल विकास यात्रा के अपने कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रायगढ़ प्रवास पर पहुंचे थे जहां पर शिक्षाकर्मी संगठन की ओर से पदाधिकारी सपना दुबे, बिनेश भगत, राजकमल पटेल,सौरभ पटेल, सूरज प्रकाश कश्यप,श्रीमती निशा गौतम आदि मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे और मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा इसके लिए उन्हें प्रशासन के तरफ से सुबह का साथ में नाश्ता वाला वीआईपी पास भी जारी हुआ था , उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा , अपनी बात रखी और आश्वासन लेकर लौट गए लेकिन छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ की जिला संयोजिका सविता साहू द्वारा आरोप लगाते ही कहानी कुछ और नजर आने लगी लेकिन इसकी सच्चाई को जब पता किया गया तो सविता साहू का आरोप ही झूठा निकला।
इस विषय में जब भास्कर वर्ल्ड ने सविता साहू ने बात की तो उनका कहना था कि उन्हें एक भईया ने कहा कि ऐसा हुआ है तो उन्होंने सोशल मीडिया पर लिख दिया उनसे जब इसका कोई प्रमाण मांगा गया तो उनका कहना था -” मुझे इसके बारे में नहीं पता भईया ने कहा और मैंने लिख दिया” उसके बाद उन्होंने फोन भी काट दिया…. यही नहीं इस विषय पर जब छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र देवांगन को फोन लगाया गया तो उन्होंने सविता साहू को जानने से ही इंकार कर दिया जो कि और भी चौकाने वाला था यानी मामला फंसते देखकर पदाधिकारी अपने जिला स्तरीय पदाधिकारियों को भी पहचानने से इंकार कर रहे है और आपसी खींचतान में दूसरों को नीचा दिखाने के चक्कर में कुछ शिक्षाकर्मी नेता मुख्यमंत्री का नाम घसीटने से भी नहीं चूक रहे है जो वाकई चिंताजनक है ।
इस मामले पर शिक्षाकर्मी मोर्चा के जिला महासचिव और मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए गए प्रतिनिधि मंडल में शामिल बिनेश भगत का कहना है कि शिक्षाकर्मी मोर्चा को बदनाम करने की लगातार कोशिश की जा रही है लेकिन ऐसा करने वाले अपने इरादे में कभी सफल नहीं होंगे। हमने विधिवत रूप से मुख्यमंत्री जी से मुलाकात का समय प्राप्त किया था और मुलाकात कर प्रदेश के शिक्षाकर्मियों के हित में अपनी बातें रखी। हमारी मुलाकात से चिढ़े हुए छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के जिला संयोजिका ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से गंभीर आरोप लगाया और यहां तक कि मुख्यमंत्री जी का भी नाम घसीटने से नहीं चूकी लेकिन आखिरकार सच का खुलासा हो गया।