स्वरोजगार से आशा को मिली आत्मनिर्भरता की राह में आगे बढ़ने का अवसर
कहते है जहां चाह, वहां राह। आशा के लिए भी यही बात ठीक बैठती है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली स्व-सहायता समूह की सदस्य आशा जायसवाल ने जीवन में कुछ करने और आगे बढ़ने का सपना लिए स्वरोजगार को अपनाया। अपनी मेहनत के बलबूते उन्होंने दुकान खोली और दुकान के माध्यम से होने वाली कमाई से स्वावलंबी बनीं। उनकी इस सफलता में आजीविका मिशन की भागीदारी भी रही। आजीविका मिशन की बदौलत ऐसी कई महिलाओं को आगे बढ़ने और पैरों में खड़ा होने का मौका मिला जो कल तक घर मे रहकर अपनी छोटी-छोटी आवश्यकताओं के लिए परिवारजनों पर निर्भर रहा करती थी।
कोरिया जिले के सोनहत विकासखण्ड के पुसला ग्राम में गठित गंगा महिला स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती आशा जायसवाल हार्डवेयर एवं चप्पल दुकान का संचालन कर आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनी हैं। समूह की सदस्य दीदी आशा जायसवाल बताती हैं कि जून 2019 में उन्होंने संयुक्त रूप से हार्डवेयर एवं चप्पल दुकान का काम प्रारंभ किया। बिना किसी परेशानी और रुकावट के लगातार दो साल से आशा दुकान का संचालन कर रही हैं और अपने घर के लिए जरूरी खर्च निकाल लेती है। बिहान द्वारा महिलाओं को व्यवसाय चयन और आमदनी की गतिविधियों से जोड़े जाने से समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है। रोजगार का बेहतर साधन उपलब्ध होने से वे आमदनी के साथ समाज में अपनी पहचान भी बना रही है और आत्मनिर्भर बन रही है।