दुर्ग रिपोर्ट /श्री जीपी सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज द्वारा जिला दुर्ग का वार्षिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान परेड में शामिल जिन जवानों का टर्नआउट उच्चकोटी का था उन्हें पुरूस्कृत किया गया। परेड के बाद किट परेड, एमटी शाखा, शस्त्रागार का निरीक्षण करने के उपरांत दरबार लिया गया। आईजी श्री सिंह ने दरबार में जवानों की गुजारिशें सुनी और समस्याओं के समाधान करने के निर्देश दिए:-
जवानों के समस्या का निराकरण:-
जवानों द्वारा अवगत कराया गया है कि उन्हें अपने वेतन, भत्तों एवं एरियर्स इत्यादि की जानकारी प्राप्त नही होती है। इस संबंध में श्री सिंह ने जवानों को जागरूक होने की आवश्यकता बल दिया व जवानों को बताया कि वर्तमान में वेतन भुगतान की कार्यवाही ई-पेमेंट के माध्यम से सीधे बैंक खाते में की जाती है जिसकी जानकारी बैंक के माध्यम से मोबाईल नंबर पर प्राप्त की जा सकती है। PaySleep, GPF, DPF व CPS की जानकारी शासन के वेबपोर्टल e-Kosh पर उपलब्ध है।
कुछ अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अवगत कराया गया कि उनका गुम कटौत्रा है और लंबी अवधि होने के बाद भी डीपीएफ से जीपीएफ समायोजन नही हो पाया है। इस संबंध में आईजी दुर्ग द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाने हेतु निर्देश दिए गए। यह टीम एक सप्ताह के भीतर महालेखाकार कार्यालय रायपुर से समन्वय स्थापित कर अधिकारी/कर्मचारियों के समस्या निराकरण कराएगी।
जवानों द्वारा आग्रह किया गया कि उन्हें विशेष उपलब्धि के फलस्वरूप मिलने वाले ईनाम की जानकारी प्राप्त नही होती है। इस संबंध में आईजी श्री जीपी सिंह ने एक विशेष अभियान चलाकर जवानों को उनके सेवा-पुस्तिका अवलोकन कराने हेतु पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया है तथा जवानों के मनोबल एवं कार्यशैली में सुधार लाने के उद्देश्य से ईनाम एवं अन्य आदेश सर्वसंबंधितों को अनिवार्य रूप से पृष्ठांकन करने कहा।
जवानों का वेलफेयर:-
ऽ पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के दिन ही सारे भुगतान और पेंशन संबंधी आदेश प्रदान किया जाए।
ऽ वर्तमान में दुर्ग जिले के लगभग 50 फीसदी जवानों को शासकीय आवासगृह उपलब्ध कराया गया है। जिले के शेष कर्मचारियों के लिए सुनियोजित, बेहतर एवं पर्याप्त संख्या में आवास निर्माण की व्यवस्था पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के माध्यम से कराया जाएगा तथा शीघ्रता शीघ्र निर्माण कार्य की कार्यवाही प्रारम्भ की जाएगी।
ऽ थाना स्तर पर टाॅयलेट निर्माण हेतु शासन स्तर पर संचालित ओडीएफ स्कीम के तहत सुविधायुक्त टाॅयलेट/बाथरूम बनाने हेतु निर्देशित किया।
ऽ जवानों के मनोबल को बढ़ाने हेतु खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों, फिटनेस एवं योग जैसे रिफ्रेशर कार्यक्रम आयोजित किये जाने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं।
ऽ पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के वेलफेयर एवं प्रशासनिक आदेशों को उनके मोबाईल के माध्यम से उपलब्ध कराने हेतु पुलिस अधीक्षक, दुर्ग द्वारा एसएमएस पोर्टल तैयार किया जाएगा।
श्री जीपी सिंह ने पुलिसिंग पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस को रिएक्टिव नही बल्कि प्रोएक्टिव पुलिसिंग करना चाहिए, ताकि अपराधिक तत्व किसी भी प्रकार से घटना को अंजाम न दे सकें। यह तभी संभव है जब पुलिस को सभी छोटी बडी सूचनाओं की खबर हो। इसके लिए आवश्यक है कि आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक स्तर के कर्मचारियों को सूचना संकलन के कार्य में लगाया जाए। पव्लिक की विश्वसनीयता हासिल करने के संबंध में जवानों को टिप्स देते हुए आईजी ने कहा कि आमजन से मधुर संबंध बनाए रखें ताकि समाज में पुलिस की सकारात्मक छवि बनी रहे और घटनाओं को रोकने के लिए आसानी से सूचना संकलन किया जा सके। पुलिस विभाग में लगभग 80 प्रतिशत आरक्षक और प्रधान आरक्षक स्तर के कर्मचारी हैं जो पुलिस विभाग की रीढ़ है। अतः इनकी कार्यकुशलता, कार्यप्रणाली एवं क्षमता विकास को बेहतर बनाने के लिए पर्यवेक्षणीय अधिकारियों को निर्देश दिए। शीघ्र ही जिले के पुलिस थानों एवं सीएसपी/एसडीओपी कार्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा।