हटकेश्वर मंदिर में एक हजार साल पुरानी परंपरा टूट गई भक्तगणों को शिवलिंग पर जलाभिषेक का सौभाग्य नहीं मिला
रायपुर (काकाखबरीलाल).कोरोना संकट के बीच आज सोमवार से सावन के पवित्र महीने की शुरुआत हो गई है. भगवान शिव के मंदिरों के बाहर पहले की अपेक्षा बहुत कम भक्तों की भीड़ देखने को मिली. रायपुर के महादेवघाट स्थित हटकेश्वर मंदिर में एक हजार साल पुरानी परंपरा टूट गई. इस बार भक्तगणों को शिवलिंग पर जलाभिषेक का सौभाग्य नहीं मिला, क्योंकि प्रशासन ने मंदिरों में जलाभिषेक की अनुमति नहीं दी है. हटकेश्वर महादेव मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर पीछे के द्वार से भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा है. जिससे गर्भगृह तक भक्त प्रवेश नहीं कर सकेंगे.
मंदिर में मौजूद भक्तों का कहना है कि पहली बार ऐसा हुआ जब हमें जलाभिषेक की अनुमति नहीं दी गई है. साथ ही किसी भी वस्तु को मंदिर में लेकर जाने नहीं दिया जा रहा है. हम खाली हाथ ही भगवान शिव के दर्शन कर लौट रहे है. मंदिर के सभी दरवाजे जो गर्भगृह की ओर जाते है, वो बंद कर दिए गए है. भक्तों को दूरी बनाए रखने को कही जा रही है. साथ ही मास्क लगाने की हिदायत दी जा रही है. बिना मास्क के लोगों को प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. महादेवघाट स्थित हटकेश्वर मंदिर प्रबंधन के अनुसार एक हजार साल पुराने मंदिर में पहली बार सावन महीने में भक्तगण जलाभिषेक नहीं कर पाए. मंदिर के पुजारी ने कहा कि यहां प्रवेश के साथ ही सोशल डिस्टनसिंग का पालन कराया जा रहा है. लोगों को नारियल फूल व जल लेकर प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. अगर कोई लेकर आता है, तो उसे बाहर ही रखवा दिया जाता है. थर्मल स्क्रिननिंग के बाद ही लोगों को प्रवेश करने दिया जा रहा है. मंदिर के पीछे सैनिटाइजर मशीन लगाई गई है.