लाखों का है पक्का मकान, फिर भी मिला है पीएम आवास का लाभ
।।पैसे लेकर आवास मित्र ने अपात्र को बना दिया पात्र ।।
।आवास स्वीकृत करवाने लिया गया है 3-3 हजार रूपये, ग्रामीणों का आरोप ।
सरायपाली. प्रधानमंत्री आवास योजना में किस तरह से गड़बड़ी करते हुए आपात्र हितग्राहियों को पात्र बनाकर लाभ दिलाया जा रहा है, इसका ताजा उदाहरण ग्राम पंचायत दर्राभांठा बी में देखने को मिल रहा है. जहाँ बड़े पैमाने पर लेनदेन करके पीएम आवास जैसे पारदर्शी योजना में भी जमकर भर्राशाही की गई है. जबकि कई पात्र हितग्राही योजना का लाभ लेने के लिए भटक रहे हैं.
ग्राम दर्राभांठा में प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिलवाने गाँव के सभी पात्र हितग्राहियों से आवास मित्र के द्वारा 3-3 हजार रूपये लिए जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है.
लेकिन उन्हें अब तक योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. जबकि गाँव के रसूखदार लोग जो पूर्ण रूप से सम्पन्न हैं, उनसे मोटी रकम लेकर अपात्र को पात्र बनाकर योजना का लाभ दिलाया गया है. इसके अलावा जो पूर्व में आवास योजना का लाभ ले चुके हैं, उनके नाम से दुबारा आवास स्वीकृत हुआ है. ग्रामीणों के अनुसार गाँव के सुमरन निषाद पिता हजारू, सफेद कुमार पिता विष्णु को पूर्व में योजना का लाभ मिल चुका है, इसके बावजूद उनका नाम पुन: आवास सूची में उल्लेखित है. वहीं गाँव के बलराम चौधरी पिता मोहनलाल के नाम से भी पीएम आवास स्वीकृत हुआ है, जो अपात्र हैं. इनक ा पहले से ही पक्का मकान है और ये पूर्ण रूप से सम्पन्न हैं. ऐसा ही इनक ी माता बेलमोती के नाम से विगत वर्ष पीएम आवास स्वीकृत हुआ है और दो किश्त 80 हजार रूपये आहरण भी कर चुके हैं. जब पक्का मकान होने के बावजूद उन्हें पीएम आवास स्वीकृति के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि पूर्व में कच्चा मकान था, बावजूद उनका नाम पीएम आवास में नहीं आ रहा था. उनके द्वारा आवास मित्र को पीएम आवास स्वीकृत करने के लिए 10 हजार रूपये दिया गया है, तभी उनका आवास स्वीकृत हुआ है. बचत राशि के बारे में उन्होंने बताया कि अब आवास मित्र के द्वारा पक्का मकान होने के कारण राशि न मिलने की बात कही जा रही है. वहीं गाँव के ही शिवचरण बंछोर, रामप्रसाद , डिग्रीलाल आदि लोगों ने बताया कि पैसा नहीं देने से पीएम आवास स्वीकृत नहीं होगा कहकर पीएम आवास के लिए नाम जुड़वाने एवं फोटो खींचने के नाम पर सभी कच्चा मकान वाले पात्र हितग्राहियों से आवास मित्र कमल भोई के द्वारा 3-3 हजार रूपये लिए गए हैं.
इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जी डी सोनवानी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जाँच के लिए टीम भेजी जाएगी और निरीक्षण के उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी.