लाखों का राशि गबन करने वाले रोजगार सहायक हुआ बर्खास्त
।।सचिव पर निकला लाखों की रिकवरी।।
काकाखबरीलाल,सरायपाली. ग्राम मोहदा के ग्रामीणों द्वारा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी के बाद प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए रोजगार सहायक को बर्खास्त कर दिया. विभाग के अधिकारी जांच के लिए गांव पहुंचे थे जहां यह कार्यवाही की. इसके अलावा सचिव को भी कार्यालय अटैच करने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है. विगत कई महीनों से ग्राम मोहदा के ग्रामीणजन कई समस्याओं को लेकर जनपद एवं एसडीएम कार्यालय पहुंचे थे. इसके बावजूद भी जब कार्यवाही नहीं हुई तो ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी. इसके बाद अधिकारी हरकत में आए और गांव पहुंचकर रोजगार गारंटी आदि शासकीय कार्यों में अनियमितता बरतने वाले रोजगार सहायक को बर्खास्त किया.
विगत 28 अक्टूबर को ग्राम मोहदा के ग्रामीणों ने लाखों रूपये के मजदूरी भुगतान न मिलने के कारण चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया था. कार्यवाही एवं जांच के दौरान पंचायत सचिव के नाम से 1 लाख 35 हजार की रिकवरी भी निकाली गई है. इसकी भी जानकारी उच्चाधिकारियों को भेजी गई है. विदित हो कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत मोहदा में कई निर्माण कार्य हुए थे. जिसमें काम करने वाले मजदूर मजदूरी राशि न मिलने को लेकर लगातार शिकायत कर रहे थे. गांव के नया तालाब निर्माण, निजी डबरी निर्माण, फर्जी मस्टर रोल भरकर राशि आहरण करने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, मजदूरी राशि प्रदान नहीं करने, शौचालय निर्माण कार्य का राशि संबंधित हितग्राहियों को प्रदान नहीं करने आदि की शिकायत ग्रामीणों ने की थी.
वहीं रोजगार सहायक के पति सुरेंद्र साहू एवं बैंक मित्र वीरेंद्र दास मानिकपुरी द्वारा आधार सिंडिंग के नाम पर अंगुठा लगाकर मजदूरी की राशि आहरण करने, मनरेगा मजदूरों को गलत खाता नंबर एंट्री कराना, मनरेगा मजदूरों का गलत खाता नंबर एंट्री कराना तथा 2-3 वर्षों में कराए गए निजी डबरी निर्माण कार्य में मजदूरों का मजदूरी भुगतान लंबित था. जिसके कारण रोजगार सहायक के खिलाफ ग्रामीणों द्वारा जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी सरायपाली एवं कलेक्टर महासमुंद को दिया गया था.
आज बुधवार को एसडीएम विनय कुमार लंगेह(आईएएस), तहसीलदार श्रीमती ललिता भगत, सीईओ जनपद जी डी सोनवानी गांव पहुंचे थे. उन्होने ग्रामीणों को बुलाया लेकिन ग्रामीण वहां आने से बचते रहे. तत्काल मौके पर ही रोजगार सहायक को बर्खास्त किया. ग्रामीणों की मांग थी कि रोजगार सहायक को बर्खास्त किया जाए, वह मांग पूरी हो गई. अब चुनाव बहिष्कार पर ग्रामीण चुप्पी साधे हुए हैं.