छत्तीसगढ़

महांसमुद: बच्चे महिने भर से डाल रहे हैं पानी

महामसुंद में बीते एक अप्रैल से नन्हें पौधों को पानी देने का क्रम नियमित रूप से जारी है। बच्चों को हर सुबह इसी तरह पौधों में पानी डालते देखा जा रहा है। पौधों से पानी की दूरी ज्यादा हुई तो चेन बनाकर भी ये पौधों तक पानी पहुंचाते हैं। इनका उत्साह देखते ही बनता है। बड़े भी अब इनके कायल हुए जा रहे हैं और हर कोई अपने घरों से बाल्टिया लेकर पौधों की ओर जाने लगे हैं। अब पौधों में पानी डालने वालों का एक बड़ा कारवां बन गया है।

अब हर सुबह इसी तरह लोगों को पौधों में पानी डालते देखा जा रहा है। पौधों से पानी की दूरी ज्यादा हुई तो चेन बनाकर भी ये पौधों तक पानी पहुंचाते हैं। इनका उत्साह देखते ही बनता है। बड़े भी बच्चों के कायल हुए जा रहे हैं और हर कोई अपने घरों से बाल्टिया लेकर पौधों की ओर जाने लगे हैं। अब पौधों में पानी डालने वालों का एक बड़ा कारवां बन गया है। यह अमला बिनी किसी तामझाम अपना काम जारी रखा हुआ है। इनका कहना है कि जब तक पौधे, बड़े नहीं हो जाते हम इसी तरह रिश्ता निभाते रहेंगे।

पहले दिन यह काम शहर के लोगों को ऊंटपटांग लगा, लेकिन हर सुबह यह काम जारी रहा तो अब इस काम में शहर के लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। अब तो हालात यह है कि सुबह होते ही बड़े भी तालाब किनारे बाल्टी लेकर समूह में पहुंच रहे हैं और आसपास के पौधों को पानी दे रहे हैं। बताना जरूरी है कि ये वही पौधे हैं जिन्हें तीन साल पहले बारिश के मौसम में लगाये गए थे। वैैसे तो सरकारी आंकड़ों में हर साल लाखों-हजारों पौधे लगाए जाते हैं। पौधे लगाते वक्त जन नेताओं और समाज सेवियों की बड़ी-बड़ी तस्वीरें अखबारों में छपती हैं लेकिन गर्मी शुरू होते ही ये पौधे बगैर देखरेख झुलसकर मर जाते हैं।

गौरतलब है कि तीन साल पहले महामसुंद में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए युवाओं ने योजना बनाई, तालाबों का संरक्षण कर वहां पौधे रोपे। तालाबों की साफ सफाई की।
शहर के बाहर और भीतर जिन-जिन स्थानों पर पानी की उपलब्धता थी, आसपास कई तरह के पौधे लगाए। इसके बाद इन पौधों में बाड़ लगाकर मवेशियों से बचाया। अब इन पौधों की उम्र तीन साल की हो चुकी है। इन्हें जिंदा रखने अभी भी लोग कवायद जारी रखे हुए हैं। बड़ों के साथ इस काम में अब बच्चों के हाथ बंटाने से काम सरल भी हुआ है। बड़े-बच्चे अब टोलियों में घरों से निकलते हैं। तालाब से बाल्टियों में भर भर कर पानी लाते हैं।

काका खबरीलाल

हर खबर पर काकाखबरीलाल की पैनी नजर.. जिले के न. 01 न्यूज़ पॉर्टल में विज्ञापन के लिए आज ही संपर्क करें.. kakakhabarilaal@gmail.com

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!