सवा लाख पलाश के पुष्पों से त्रिपुर सुंदरी माता का अभिषेक
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा बोरियाकला में स्थापित पराम्बा भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी के दरबार में फाल्गुन महोत्सव मनाया गया। आश्रम के प्रमुख स्वामी इंदुभवानंद महाराज ने मंत्रोच्चार के बीच पलाश के सवा लाख पुष्पों से लक्षार्चन यज्ञ कर सर्व कल्याण के लिए कामना की। मातारानी को प्रसन्न करने का विधान पूरा किया। पारंपरिक रूप से हर साल पलाश के पुष्पों से माता का अर्चन किया जाता है। ताकि दुख, संताप भक्तों को न घेरें।भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी का समस्त पूजन श्री यंत्र में किया जाता है। यंत्र की अधिष्ठात्री भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी हैं, उनका विभिन्न द्रव्यों से एकोपचार पूजन कर अलग-अलग द्रव्यों का अर्पण करने से कामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्ट दूर होते हैं। ऐसी मान्यता है। महाराज ने बताया कि कमल के पुष्पों पूजन करने से राज्य की प्राप्ति होती है, गुलाब के फूलों से पूजन करने से शरीर की कांति बढ़ती है, किशमिश से पूजन करने से दांपत्य जीवन में सुधार होता है तथा पलाश के फूलों से रोगों की निवृत्ति होती है।इंदुभवानंद महाराज ने बताया कि गर्मी ऋतु प्रारंभ होने के साथ संक्रमण सक्रिय होते हैं। रायपुर नगर सहित छत्तीसगढ़ रोगों से मुक्त हो , इस संकल्प के साथ पलाश पुष्पों से लक्षार्चन यज्ञ संस्कृत विद्यालय के छात्रों और आश्रम के वैदिक विद्वानों के द्वारा किया जा रहा है। ताकि माता रानी प्रसन्न रहें और भक्तों पर शीतलता प्रदान करें।