छत्तीसगढ़

छतीसगढ़ कॉफी की खुशबू अब रायपुर और दिल्ली तक फैलेगी

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में उत्पादित कॉफी की खुशबू अब रायपुर और नई दिल्ली तक फैलेगी। छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड ने इन दोनों शहरों में बस्तर कैफे शुरू करने का फैसला किया है। इसके लिए कॉफी की खेती हर साल एक हजार एकड़ की दर से बढ़ाई जाएगी। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ दौरे पर आए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इसकी सलाह दी थी। इसके बाद सरकार की ओर से इस पर अमल करना शुरू कर दिया गया है। अभी यह कॉफी जगदलपुर के ही बस्तर कैफे में परोसी जा रही है।

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड की बैठक में बस्तर और सरगुजा संभाग में चाय और कॉफी की खेती के रकबे को विस्तारित करने पर बात हुई। इस दौरान बस्तर में उत्पादित कॉफी की मार्केटिंग के लिए प्राइवेट कंपनियों से करार किए जाने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने बताया, ‘दरभा में 20 एकड़ में लगाए गए कॉफी प्लांटेशन से उत्पादन होने लगा है। पहली बार 8 क्विंटल कॉफी का उत्पादन हुआ।’

इसका उपयोग जगदलपुर में संचालित बस्तर कैफे में किया जा रहा है। इस कैफे में प्रतिदिन दो किलो कॉफी की खपत हो रही है। उत्पादित मात्रा के उपयोग और मार्केटिंग के लिए कम से कम तीन कैफे और शुरू किए जा सकते हैं। इसके बाद अधिकारियों ने रायपुर और नई दिल्ली में कैफे खोलने का प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूर कर लिया गया। बैठक में उद्योग मंत्री कवासी लखमा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, टी-कॉफी बोर्ड के प्रबंध संचालक अरुण प्रसाद और उद्यानिकी विभाग के संचालक माथेश्वरन वी. आदि शामिल हुए।

मार्केटिंग के लिए निजी कंपनियों से करार होगा

कृषि मंत्री ने बताया, ‘बस्तर में उत्पादित कॉफी के मार्केटिंग के लिए निजी कंपनियों से इस शर्त के साथ MOU किया जाए कि कॉफी के ब्रांडनेम में बस्तर का नाम अनिवार्य रूप से शामिल होगा।’ उन्होंने इसकी प्रोसेसिंग के लिए मशीन की स्थापना के लिए आवश्यक राशि का प्रबंध डीएमएम फंड से करने की बात कही। कृषि मंत्री ने सुकमा जिले में भी कॉफी की खेती के लिए क्षेत्र चिह्नांकित करने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि बस्तर के दरभा में 2021 में 55 एकड़ में कॉफी की खेती की गई है। बस्तर में 5 हजार 108 एकड़ में कॉफी की खेती प्रस्तावित है। इसमें तोकापाल ब्लाक के 9 गांवों में 1 हजार 75 एकड़, लोहांडीगुड़ा के 11 गांवों में 1 हजार 27 एकड़, बस्तानार के 14 गांवों में 1 हजार 445 एकड़, बकावण्ड के 7 गांवों में 460 एकड़ में तथा दरभा ब्लाक के 13 गांवों में 1 हजार 101 एकड़ में कॉफी की खेती होगी। अफसरों ने बताया कि बस्तर जिले में प्रतिवर्ष एक हजार एकड़ में कॉफी की खेती को विस्तारित किए जाने का लक्ष्य है। साल 2026 तक यहां 5 हजार 820 एकड़ में कॉफी की खेती होने लगेगी।

छत्तरसिंग पटेल

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