शिक्षक की कड़ी मेहनत रंग लाई, मजदूर का बेटा नवोदय के लिए चयनित
प्रकाश सिन्हा. बसना(काकाखबरीलाल)। कहते हैं कि यदि शिष्य अपने शिक्षक द्वारा बताए गए मार्गदर्शन का सही ढंग से अनुसरण करे तो वह कठिन से कठिन परीक्षा को भी बड़ी आसानी से उत्तीर्ण कर लेता है। हालांकि इसके पीछे शिक्षक की कड़ी मेहनत व लगन भी मायने रखती है कि वह विद्यार्थी को किस तरह से परीक्षा के लिए तैयार करता है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला शासकीय प्राथमिक शाला अखराभाठा में जहां एक मजदूर के बेटे मिथिलेश का जवाहर नवोदय विद्यालय सरायपाली के लिए चयन हुआ है। Tलल्लछात्र के साथ-साथ उसके शिक्षक की कड़ी मेहनत का ही नतीजा है. अति पिछड़े आदिवासी बाहुल गांव जहां शिक्षा के प्रति रुचि नगण्य है ऐसे इलाके से आदिवासी छात्र का चयन होना किसी उपलब्धि से कम नहीं है. शिक्षक विजय कौशिक बताते है कक्षा पांचवी में अध्ययनरत छात्र मिथिलेश बरिहा बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते है. मिथिलेश के पिता राइसमिल में मजदूरी का कार्य करते हैं। अभाव में पलते हुए भी मिथिलेश का शिक्षा के प्रति सकारात्मक नजरिया को देखते हुए नवपदस्थ शिक्षक विजय ने मिथिलेश सहित सभी विद्यार्थियों को शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया. 95% बाहुल पिछड़े आदिवासी गांव से जवाहर नवोदय विद्यालय सरायपाली के लिए प्रथम बार चयन होने पर पूरे गांव में हर्ष का माहौल है। इससे गांव और मिथिलेश के समुदाय को प्रेरणा मिलेगी। छात्र के परिजन और ग्रामीण खुशी से गद्गद् हैं. वही आदिवासी छात्र का चयन होने से लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. नवपदस्थ शिक्षक विजय कौशिक ने अपने निवास में अतरिक्त कक्षा लेकर आदिवासी क्षेत्र के स्कूली बच्चों को निखार कर प्रतिभावान बनाने प्रयासरत रहे. विद्यार्थियों को उचित माहौल प्रदान किया गया। जिससे पांचवी, आठवीं और दसवीं में होने वाले विभिन्न उच्च श्रेणी के विद्यालय चयन प्रतियोगी परीक्षा के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सके।विद्यार्थियों के साथ-साथ गांव वालों का नजरिया भी शिक्षा के प्रति सकारात्मक दिखने लगा है. मिथिलेश के परिजन समेत ग्रामवासियों ने शिक्षक विजय कौशिक का आभार प्रकट करते हुए पालकों ने अपने बच्चों को पढ़ाई के लिये विशेष रुचि और शिक्षा का माहौल बनाने का संकल्प लिया.