युवासेना नेता ने रक्तदान कर बचाया ग्रामीण की जान
काकाखबरीलाल कोंडागांव: राजनैतिक रूप से पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कोंडागांव को जिला तो बना दिया गया है लेकिन आज भी यहां की जनता आवश्यक सुविधाओ ने लिए इन्तजार कर रही है। यह आरोप युवासेना के जिला अध्यक्ष अनुराग दत्ता ने प्रशासन पर लगाते हुए बताया हैकि कोंडागांव में जिला अस्पताल के लिए करोड़ो की लागत से केवल बिल्डिंग मात्र बनाया गया है जिसका निर्माण अभी भी अपूर्ण है और जिसे नाम कमाने की ललक में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्माण व सुविधाओं से पूर्व ही उदघाटन कर अपने नाम का पत्थर लगवा दिया गया है।
जिला अस्पताल होने के नाते आसपास के सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के आमजन यहां तक कई परेशानी उठा कर उपचार की आस में आते हैं परन्तु अव्यवस्थाओं के नाम की रिकार्ड बना रही जिला अस्पताल में आवश्यक सुविधाओं व चिकित्सकों की कमी के चलते उन्हें मात्र निराशा ही हाथ लगती है। जिला प्रशासन भी इसतरफ कोई ध्यान नही डें रहा है।
इतने बड़े जिला चिकित्सालय में स्वयं का ब्लड बैंक होने के बावजूद भी जरूरत के समय रक्त की अनुपलब्धता होना इस बात की पुष्टि करती हैकि सरकार कोंडागांव की जनता के लिए कितना संवेदनशील है।
नक्सलप्रभावित क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में सैनिकों व आमजनता को कभी भी आकस्मिक चिकित्सा की आवश्यता आ पड़ती है परन्तु जिला के एकमात्र सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की स्थिति सफेद हाथी से कम नही है।
आज इसी तरह की एक घटना सामने आई है जिसमें जिला अस्पताल में सुविधा के अभाव के कारण निजी चिकित्सालयों का बोलबाला है, यहां भारी भरकम शुल्क वसूल कर आमजनता की जेब खाली किया जाता है। स्थानीय रामकिशन अस्पताल में उपचार हेतु आये दशरथ मरकाम व महतू बघेल को रक्त की कमी व किडनी की बीमारी के कारण डायलिसिस की आवश्यता आ पड़ी तब युवासेना ने कार्यकर्ताओं की इसकी सूचना प्राप्त होने के बाद तत्काल युवासेना जिला अध्यक्ष अनुराग दत्ता ने ‘बी’ पोजिटिव्ह व जिला सचिव युवासेना इंद्रजीत सोलांकी ने ‘ओ’ पोजिटिव्ह रक्त का दानकर दोनों ग्रामीणों की जान बचाई है।
परन्तु सरकार कब वास्तव में कोंडागांव की जनता के लिये संवेदनशील दिखायेगा यह विचारणीय है। रक्तदान उपरांत रक्त की जांच हेतु भी सरकारी ब्लड बैंक में भारी भरकम शुल्क लिए जाने की शिकायत उन्होंने किया है।