प्राईवेट स्कूल फीस वसूली के लिए उतरे दबंगई पर पालकों को दिया फीस भरने का अल्टीमेटम
रायपुर (काकाखबरीलाल).निजी स्कूल अब फीस वसूली के लिए दादागिरी पर उतर आए हैं। उन्होंने पालकों को 8 सितंबर तक फीस भरने का अल्टीमेटम दिया है। अगर पालक फीस नहीं भरते हैं तो उनके बच्चों की चल रही ऑन लाइन पढ़ाई को रोकने की चेतावनी जारी की है।छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने सभी विद्यालयों को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने सोमवार को एसोसिएशन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी दी है।
पत्र में कहा गया है कि एसोसिएशन की दिनांक 31 अगस्त 2020 को आयोजित आमसभा में सभी सदस्य स्कूलों द्वारा बताया गया की उनके द्वारा अभिभावकों से निरंतर सिर्फ ट्यूशन फीस ही जमा करने का अनुरोध किया जा रहा है। किंतु अभी तक मात्र 20-30प्रतिशत पालकों ने ही विद्यालय के कुल देय शुल्क का भुगतान किया है, सत्र प्रारंभ हुए लगभग 5 माह बीत जाने के बाद भी लगभग 60 से 70 प्रतिशत पालकों द्वारा किसी तरह के शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है। सदस्य स्कूलों द्वारा यह भी बताया गया की पिछले सत्र (2019-201 का भी भगतान कई स्कूलों का अभी बाकि है।
ऑनलाइन पढ़ाई करवाना काफी चुनौतीपूर्ण है, फिर भी शिक्षक पूरे मनोयोग से यह काम कर रहे हैं। 90 फीसदी बच्चे ऑनलाइन कक्षाएं अटेंड भी कर रहे हैं। एसोसिएशन के सभी सदस्य स्कूलों द्वारा अभी तक फीस भुगतान न किए जाने के बावजूद किसी भी विद्यार्थी को ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम से वंचित नहीं किया गया है। किन्तु पालकों द्वारा फीस भुगतान नहीं किये जाने के कारण सभी विद्यालयों की आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है, और अगर यही हाल रहा तो आर्थिक समस्याओं के चलते विद्यालय स्वतः बंद हो जावेंगे। सरकार द्वारा भी शिक्षण संस्थाओं के लिए किसी प्रकार के राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गयी है। अतः सभी सदस्य विद्यालयों से विचार विमर्श करने के पश्चात सर्वसम्मति से निम्नलिखित निर्णय लिए गए
(1)सभी पालक जिन्होंने अभी तक शिक्षण शुल्क का भुगतान नहीं किया है वे शुल्क का भुगतान 8 सितम्बर तक अनिवार्य रूप से कर दें।
(2)08 सितम्बर तक जो पालक भुगतान करने में असमर्थ होंगे उनके पाल्यों का ऑनलाइन शिक्षण भुगतान होने तक स्थगित रहेगा।
(3) यदि कोई अभिभावक आर्थिक समस्याओं से ग्रस्त है और वह समुचित दस्तावेजों के साथ स्कूल में संपर्क करें तो सदस्य स्कूल उन्हें यथासंभव छूट एवं किश्तों में फीस भुगतान करने की सुविधा दें . जैसा की माननीय हाईकोट के आदेश 27 जुलाई 2020 में उल्लेखित है। .