अजब प्रेम की गजब कहानी प्रेमी के…..खत पर प्रेमिका का दिल ऐसा पिघला कि वो हथियार छोड़ बीहड़ों से निकलकर आत्मसमर्पण करने पहुंच गयी
(दतेवाडा़ काकाखबरीलाल).
वेलेंटाइन डे पर आशिक को खत लिखकर माशूका से इश्क का इजहार करते आपने देखा होगा…लेकिन दंतेवाड़ा में एक प्रेमी के खत पर प्रेमिका का दिल ऐसा पिघला कि वो हथियार छोड़ बीहड़ों से निकलकर आत्मसमर्पण करने पहुंच गयी। इसी 14 फरवरी को नक्सली जयमती उर्फ जयो के लिए उसके प्रेमी लक्ष्मण अट्टानी ने प्रेम के इजहार के साथ गुजारिश भरा खत भेजा था। खत में प्रेमी लक्ष्मण ने अपनी प्रेमिका को हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करने और साथ-साथ जिंदगी गुजारने की इल्तजा की थी प्रेमी के पत्र पर प्रेमिका का दिल तो पिघलना था ही,,,खत लिखे जाने के 21 दिन पर हथियार छोड़ और लालगढ़ की दहलीज को लांघकर जयो अपने प्रेमी लक्ष्मण से मिलने आ गयी। वादों के अनुरूप जयो ने पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव के सामने आत्मसमर्पण भी किया। लक्ष्मण भी पहले नक्सली था, जिसने साल 2019 में आत्मसमर्पण कर दिया था। लक्ष्मण नक्सलियों की जनमिलिशिया कमांडर के पद पर था और कई नक्सली वारदातों में शामिल था। उसके सर पर राज्य सरकार ने 1 लाख रुपये इनाम भी रखा था। नक्सली बटालियन में रहते हुए ही लक्ष्मण को जयो से मोहब्बत हो गयी। जयो उर्फ जयमती इंद्रावती एरिया कमेटी के सक्रिय संगठन कोकेर सीएनएम की अध्यक्ष थी। 2013 में वो संघम सदस्य के तौर पर माओवादी संगठन में शामिल हुई थी और 2017 में उसे सुखराम ने सीएनएम अध्यक्ष बनाया गया। उसके जिम्मे नक्सली विचारधारा का प्रचार और संगठन में लोगों को जोड़ने का था। उसके उपर भी 1 लाख रुपये का इनाम घोषित था
दोनों के बीच प्यार की बढ़ता गया, लेकिन अचानक से लक्ष्मण को ये अहसास हो गया कि उसके प्यार पर नक्सलियों का पहरा है, वो यहां अपनी जिंदगी नहीं जी सकता। लिहाजा नक्सलियों के बेड़ियों से आजाद होकर व खुली हवा में जिदंगी गुजारने हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण कर दिया। नक्सलियों के गिरफ्त से वो निकल तो चुका था, लेकिन उसकी मोहब्बत जयो अभी भी उससे दूर थी, लिहाजा 14 फरवरी यानि वेलेंटाइन डे पर उसने अपनी प्रेमिका के नाम खत लिखा और पास आने की गुजारिश की। फिर क्या था प्रेमी की आवाज पर प्रेमिका सबकुछ छोड़कर उसके पास पहुंच गयी।