बसना(काकाखबरीलाल)।नगरीय निकाय चुनाव के लिए बुधवार को रायपुर के शहीद स्मारक भवन में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की गई। राजनीतिक गलियारों में बहुप्रतीक्षित आरक्षण प्रक्रिया के बाद अब यह तय हो गया है कि शहरी सत्ता की लड़ाई किस वर्ग के बीच होगी। बसना नगर पंचायत परिषद के अध्यक्ष पद को पिछड़ा वर्ग आरक्षित किया गया है। यानी की पिछला वर्ग पुरुष अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ सकेंगे। हालांकि, अब पार्टियां तय करेंगी कि टिकट किसे देना है। खास बात ये है कि बसना नगर पंचायत में वर्ष 2005 और 2010 को हुए चुनाव में भी अध्यक्ष पद को पिछड़ा वर्ग पुरुष रखा गया था। वर्ष 2005 में हुए चुनाव में तौकीर सरवर दानी और वर्ष 2010 में हुए चुनाव में श्रीमती परमजीत सिंह कौर नपा अध्यक्ष चुनकर आए थे। उसके बाद वर्ष 2014 में नपा अध्यक्ष की सीट सामान्य पुरुष हो गई, जिसमें सम्पत अग्रवाल एतिहासिक चुनाव जीतकर अध्यक्ष चुने गये। वर्तमान में वे नपा अध्यक्ष पद पर काबिज हैं।
क्यो है बसना नगर पंचायत चुनाव में प्रबल दावेदार – एहसान दानी
वैसे तो बसना नगर पंचायत चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों की गरमा गरमी चालू हो चुकी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रबल दावेदार, बसना के प्रथम विधायक रहे 1952-53 दशक के विधायक रहे। स्व.अब्दुल हमीद दानी के सुपौत्र अहसान दानी हैं अहसान दानी वर्तमान में भाजपा जिला महामंत्री अल्पसंख्यक वर्ग के पद पर कार्यरत हैं।
क्या कहते हैं बसना के युवा नगर पंचायत चुनाव के संदर्भ में..
युवाओं में चर्चा है कि नगर में राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवार अपने करीबी बड़े नेताओं से संपर्क में लगे हुए हैं साथ ही नगर वासियों से मिलना जुलना बरकरार है साथ ही युवाओं ने बताया इनके अलावा स्व. अब्दुुुुल हमीद दानी के सुपौत्र एहसान दानी राष्ट्रीय पार्टी में रहने के बावजूद भी एहसान दानी का पार्टीगत राजनीति से ऊपर उठकर युवाओं और समाज के सभी वर्गों में बहुत ही अच्छी पकड़ है सभी वर्ग के लोगों को दानी की स्वच्छ छवि तथा निस्वार्थ सेवा भावना से लोग बहुत ही खुश तथा अभिभूत रहते हैं इन्ही वजहों के कारण दानी बसना नगरवासियों के मन मे बसे हुए है तथा प्रबल दावेदार हैं। इसी वजह के कारण नगर में दर्जनों उम्मीदवार होने के कारण भी दानी का नाम सर्वप्रथम लिया जा रहा है।