जांजगीर (चाम्पा) में मगसम सम्मान समारोह एवं कला कौशल साहित्य संगम का काव्य सम्मेलन अति हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
-डिग्रीलाल जगत
जांजगीर – चाम्पा, (काकाखबरीलाल) । दिनांक ०३-०९-२०१९ दिन-मंगलवार को ग्राम-मौहाडीह, जिला जांजगीर (चाम्पा) में मगसम सम्मान समारोह एवं कला कौशल साहित्य संगम का काव्य सम्मेलन अति हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
राज्य से पधारे नामचीन सृजनकार एवं गाँव के गणमान्य नागरिकों की गौरवमयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम तीन सत्रों में सम्पन्न हुआ। प्रथम सत्र मे स्वरसती पूजन से साथ कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। जिसमे अध्यक्षता परमपूज्य आ.भरत नायक “बाबूजी” ने की मुख्य अतिथि वरिष्ठ सहित्यकार डॉ. देवधर महंत जी रहे तथा विशेष अतिथि ग्राम मौहाडीह के सरपंच आ.मनीराम साहू जी रहे।
सहित्यकारों को सम्मानित करने के लिए दिल्ली से पधारे मगसम के राष्ट्रीय संयोजक आ.सुधीर सिंह सुधाकर जी के सफल संचालन में सम्मान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उन्होंने मगसम के उद्देश्य एवं कार्यप्रणाली पर चर्चा करते हुए कहा कि इस संस्था के सदस्यों का सम्मान उनकी रचनाओं को श्रोताओं के द्वारा मूल्यांकन कर दिए गए हरे,पीले एवं लाल कार्डों की संख्या के आधार पर किया जाता है। उल्लेखनीय बात यह है कि उन रचनाकारों का सम्मान मगसम के पदाधिकारी के द्वारा उनके गृह/ग्राम/शहर में आकर उनकी इच्छानुसार उन्हें सम्मानित किया जाता है।इसी तारतम्य में रायगढ़ एवं जांजगीर जिले के बारह साहित्यकारों का चयन हुआ था उन बारहों में से पाँच साहित्यकार आ.भरत नायक बाबूजी/रायगढ़,आ.जगत सिंह ठाकुर/सारंगढ़, आ.रामकुमार पटेल “यार”/सारंगढ़,आ.कुमार कारनिक जी/छाल धरमजयगढ़ एवं कौशल महन्त मौहाडीह (बाराद्वार) को सम्मानित किया गया।
स्थानीय मंच “कला कौशल साहित्य संगम” के द्वारा मंच के संस्थापक एवं अध्यक्ष आ.भरत नायक”बाबूजी”के कर कमलों से अभिनंदन पत्र अंगवस्त्र श्रीफल एवं तूलिका प्रदान कर दिल्ली से पधारे राष्ट्रीय संयोजक आ.सुधाकर जी को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में कला कौशल साहित्य संगम छत्तीसगढ़ का काव्य सम्मेलन के अंतर्गत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आये हुए रचनाकारों ने कविता पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आ.भरत नायक बाबूजी,आ.डॉ देवधर महन्त जी,आ.जगत सिंह ठाकुर,आ.सुधीर सिंह सुधाकर जी,आ.निर्भय गुप्ता जी,अंजनी तिवारी जी, रामकुमार पटेल यार, कुमार कारनिक, रामभजन पटेल, जी.डी.मिश्रा जी, मनोज गुप्ता जी,सन्तोषी महन्त”श्रद्धा”, रामसाय धारिया, द्वारिका महन्त एवं शुरेश राठौर ने सुन्दर काव्यपाठ किया। इस सत्र की विशेषता रही के साहित्यकारों ने संगीत के साथ प्रस्तुति दी।संगीत पक्ष में द्वारिका महन्त, विक्रम महन्त, देवेश महन्त एवं प्रह्लाद नालवादक रहे । जिन्होंने वातावरण को मधुर संगीतमय बना दिया। हरियाली की गोद मे ग्राम मौहाडीह के चौपाल में झमाझम बरसती बूँदों के बीच श्रोताओं की आद्यंत उपस्थिति कार्यक्रम की विशेषता रही।गाँव के वरिष्ठ नागरिक श्री पीताम्बर दास महन्त,महेत्तर दास,.मनीराम साहू सरपंच,.कुंज बिहारी राठौर,श्रवण राठौर, धनसाय राठौर,धनीराम राठौर आदि की गरिमामयी उपस्थिति एवं विशेष योगदान रहा।
तृतीय सत्र में सरगबुंदिया कोरबा से पधारे मनोज गुप्ता(L.I.C.अभिकर्ता)जी ने शाल एवं तूलिका भेंटकर सभी साहित्यकारों को सम्मानित किया। पूरे कार्यक्रम में संतोषी दास मानिकपुरी जी/चरौदा(मालखरौदा) का विशेष योगदान रहा। अंत मे कला कौशल साहित्य संगम के संस्थापक एवं अध्यक्ष ने आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम समापन की घोषणा की। सन्तोषी दास मानिकपुरी एवं कौशल महन्त के परिवार के सदस्यों द्वारा छत्तीसगढ़ की परंपरा का निर्वहन करते हुए दिल्ली से पधारे पहुना मगसम के राष्ट्रीय संयोजक आ.सुधीर सिंह सुधाकर जी का शाल श्रीफल एवं पत्र पुष्प भेंटकर विदाई दी गई।