डॉ अनामिका पाल की सक्रियता से राजनीतिक फ़िज़ा गर्म, अल्प अवधि में ही अलग पहचान बनाई है डॉ पाल ने

रिपोर्ट–नन्दकिशोर अग्रवाल
बसना – पिथौरा की धरा में जन्मी पली-बढ़ी जोगी कांग्रेस (जे) के गठन के बाद अल्प अवधि में ही अपनी पहचान बना चुकी डॉक्टर अनामिका पाल की लोकप्रियता का ग्राफ क्षेत्र में इन दिनों निरंतर बढ़ता जा रहा है।
बसना क्षेत्र में जोगी कांग्रेस का परचम लहराने वाली व आसन्न विधानसभा चुनाव में बसना विधानसभा में जोगी कांग्रेस से सशक्त दावेदार डॉक्टर पाल की सक्रियता ने बसना विधानसभा क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है। चाहे वह बसना विकासखण्ड के ग्राम गढ़फुलझर, अकोरी, बरिहापाली क्यों ना हो! वहीँ साकरा क्षेत्र के गांव रिखादादर,माटी दरहा,परसवानी ही क्यों न हो हर जगह उनके समर्थकों का इजाफा हुआ है। डॉ पाल की सुलझे हुए सारगर्भित उद्बोधन से भी लोग प्रभावित हो रहे हैं। क्षेत्र की सांस्कृतिक, खेल व राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय डॉ पाल लोगों को सहसा ही पार्टी की ओर आकर्षित करने में कामयाब हो जाती है।
छत्तीसगढ़ी हिंदी व अंग्रेजी भाषा की जानकार डॉ पाल मूलतः पिथौरा निवासी वरिष्ठ नेता पी कुमार डे की पुत्री होने का फायदा भी उन्हें मिल रहा है। युवा वर्ग के मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए डॉ पाल ने अलग ही रणनीति बनाई है गांव गांव में हो रहे कबड्डी खेल के माध्यम से जहां खेल भावनाओं को जागृत करते हुए हुए दिख रही हैं वहीं पद यात्रा व साईकिल यात्रा के माध्यम से लोगों को पार्टी के प्रति आकर्षित करने में भी कामयाब नजर आती हैं।
नवंबर 2018 में संभावित विधानसभा चुनाव को लगभग अभी 11 महीना का समय है लेकिन डॉ सक्रिय डॉ पाल की सक्रियता ने राजनीति फ़िजा को गर्म कर दिया है तथा राजनीतिक दलों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। डॉ पाल सक्रियता से प्रमुख राष्टीय भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता क्षेत्र में सक्रिय हो गए है। तथा प्रचार प्रसार करते दिखने लगे है। भले ही जोगी कांग्रेस के द्वारा अभी तक अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है लेकिन डॉ पाल की सक्रियता से ऐसा प्रतीत होता है कि बसना विधानसभा से जोगी कांग्रेस के सशक्त दावेदारों में उनका नाम प्रथम स्थान पर है।