स्वस्थ हो जच्चा बच्चा इसलिए प्रसव पूर्व निर्धारित जांच अति आवश्यक
●प्रसव पूर्व जांच और प्रसव के सारा खर्चा छत्तीसग़ढ शासन के मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा कार्ड से.
काकाखबरीलाल सरायपाली:-भारती हॉस्पिटल सरायपाली के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कल्पना बरिहा ने काका खबरीलाल डॉट कॉम के माध्यम से लोगों तक यह संदेश पहुंचा है कि प्रसव पूर्व कैसे देखभाल करनी चाहिए गर्भावस्था माता पिता के लिए बहुत ही खूबसूरत पल होता है भाभी माता-पिता के लिए अलग दुनिया होती है गर्भावस्था के दौरान माता कभी-कभी बहुत खुश होती है और कभी-कभी डर लगने लगता है बच्चे की भविष्य में बीमारी से बचने के लिए प्रसव पूर्व देखभाल करना अति आवश्यक होता है प्रसव पूर्व देखभाल करने से एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया जा सकता है और मातृ शिशु की मृत्यु दर को कम किया जा सकता है भारत सरकार द्वारा चल रही महत्वकांक्षी योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को विभिन्न प्रकार के योजना का लाभ स्मार्ट कार्ड के द्वारा मिल रहा है राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के द्वारा प्रसव पूर्व देखभाल को 3 तिहाई में बांटा गया है
•पहले तिहाई में प्रसव पूर्व जांच 2200 रुपए का जिसमें खून और पेशाब जांच व दवाई वितरण फ्री में स्मार्ट कार्ड के द्वारा किया जाता है
•दूसरे तिहाई में प्रसव के पूर्व डॉक्टर को दिखाना है सोनोग्राफी का खर्चा भी निशुल्क रहता है
•तीसरे तिहाई में अर्थात डिलीवरी के समय सारा खर्चा स्मार्ट कार्ड के द्वारा प्रदाय होता है चाहे डिलीवरी नॉर्मल हो गया ऑपरेशन से हो।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कल्पना बरिहा ने प्रसव पूर्व जांच का महत्व बताते हुए कहा कि इस जांच से हम हिमोग्लोबिन से खून की कमी को जान सकते हैं और वर्षा गत होने वाली बीमारी सिकलीन की जांच भी खून जांच के द्वारा की जाती खून जांच से थायराइड की कमी एवं अधिकता को भी जान सकते हैं थायराइड की कमी एवं अधिकता से गर्भपात हो सकता है जिससे बच्चे का मानसिक विकास नहीं हो पाता और बच्चा मन बुद्धि पैदा हो सकता है।
रक्त से ब्लड शुगर की भी जांच की जा सकती है इससे पता चलता है कि गर्भवती महिला को शुगर की बीमारी तो नहीं।
खून जांच से संक्रमण HIV जैसे रोग का पता चलता है
• पेट की जांच से गर्भवती महिला कि गर्भ में पानी की स्थिति का पता चलता है पानी की कमी होने से बच्चा कमजोर हो सकता है
• वजन की भी जांच करना आवश्यक होता है वजन का अचानक से बढ़ना घटना बीमारियों को सूचित करता है
सोनोग्राफी अच्छे शिशु को जन्म देने के लिए सही समय पर सोनोग्राफी कराना जरूरी होता है पहले तिमाही मैं सोनोग्राफी कराने से भ्रूण की स्थिति डिलीवरी की तारीख भ्रूण कितने सप्ताह का है यह सब जानकारी प्राप्त हो जाती है दूसरी तिमाही में सोनोग्राफी कराने से यह ज्ञात होता है कि बच्चा कोई नाल में तो नहीं फसा है या पानी की कमी तो नहीं तीसरी तिमाही में सोनोग्राफी करने से बच्चे की स्थिति का पता चलता है कहीं उल्टा तिरछा तो नहीं।
।।प्रसव पूर्व देखभाल के दौरान इन उपायों का पालन करना चाहिए।।
पहले तिमाही में तरल पदार्थ अधिक सेवन करना चाहिए साथ में पूरी कैसेट टेबलेट का भी सेवन करना चाहिए फोलिक एसिड टेबलेट तंत्रिका तंत्र बनाने में सहयोगी होता है आयरन कैल्शियम गोली का भी सेवन करना चाहिए इससे खून की कमी को दूर किया जा सकता है खून की कमी को इंजेक्शन सिरप खून चढ़ा कर ठीक कर लेना चाहिए बिना डॉक्टर के परामर्श से कोई भी दवाई नहीं लेना चाहिए।
डॉ, कल्पना बरिहा, स्त्री रोग विशेषज्ञ, भारती हॉस्पिटल सरायपाली का लोगों के लिए संदेश-
जिस घर में कोई महिला गर्भवती होती है तो उस घर के सभी सदस्यों को गर्भवती महिला की देखभाल करनी चाहिए ताकि एक स्वस्थ शिशु का जन्म हो सके और भविष्य में एक अच्छे नागरिक का निर्माण हो सके