छत्तीसगढ़

तीरंदाजी खेल प्रशिक्षण केंद्र से 108 तीर चोरी

बिलासपुर में तीरंदाजी खेल प्रशिक्षण केंद्र से 108 तीर चोरी हो गए। इसके चलते नेशनल चैम्पियनशिप में भाग लेने वाले तीरंदाज बच्चों की प्रैक्टिस रुक गई। 22-23 मार्च उन्हें जम्मू-कश्मीर में रिकब सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में शामिल होना है। अब बिना तीर के उनका प्रशिक्षण अधूरा रह गया है। मामला कोटा थाना क्षेत्र का है।

ग्राम शिवतराई स्थित तीरंदाजी खेल उपकेंद्र के कमरे से बीते 8 मार्च की रात करीब 11 बजे से सुबह 4 बजे के बीच खिलाड़ियों के तीर (ऐरो) चोरी हो गए। सेंटर के भीतर खिड़की की रॉड निकालकर चोर अंदर घुस गए। सुबह पता चला कि यहां से 63 इंडियन ऐरो और 45 रिकर्व ऐरो सहित कुल 108 तीर गायब हैं। उन्होंने इस घटना की सूचना पुलिस को दी है। पुलिस चोरी का केस दर्ज कर जांच कर रही है।

जम्मू-कश्मीर में है नेशनल चैम्पियनशिप 
राष्ट्रीय स्पर्धा में भाग लेने वाले तीरंदाजों को प्रैक्टिस की चिंता सता रही है। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय स्तर के रिकब सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में शिवतराई के तीरंदाजी खेल उपकेंद्र में प्रैक्टिस कर रहे 8 लोगों को भाग लेना है। इनमें आसपास के पांच गांव के बच्चे हैं और तीन इंडियन आर्मी के खिलाड़ी हैं।

आर्मी सेंटर चले गए दो तीरंदाज
प्रैक्टिस बंद होने के कारण इंडियन आर्मी के तीन में से दो जवान पूणे आर्मी सेंटर चले गए हैं। दोनों वहां से तीर लेकर सीधे स्पर्धा में भाग लेने जाएंगे। वहीं गांव के बाकी जिन 5 लोगों के तीर चोरी हुए हैं, उनके पास कुछ नहीं है। ऐसे में उनकी तैयारी अधूरी है।

इनकी प्रैक्टिस हुई बंद 
कोच इतवारी राज ने बताया कि जम्मू काश्मीर में आयोजित होने वाले रिकब सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में इंडियन आर्मी के खिलाड़ी भागवत पोर्ते, छुम लेपचा, भरत यादव सहित शिवतराई व इसके आसपास के डिंडेश्वरी, मांगबाई पोर्ते, जयप्रकाश मरावी, नकुल सिंह भाग लेंगे। सभी शिवतराई सेंटर में तैयारी कर रहे थे। विडंबना वाली बात यह है कि जो तीर चोरी हुए हैं वे महंगे और स्पर्धा में उपयोग होने वाले हैं।

स्पर्धा के लिए अमेरिका मेड तीर की जरूरत
प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए S-10 रिकर्व एरो की जरूरत होती है। ये अमेरिका में बनता है और दिल्ली में मिलता है। तीर दर्जन के हिसाब से मिलते हैं। 12 तीर की कीमत 40 हजार होती है। इससे ओलिंपिक खेला जाता है। इसमें जो पॉइंट लगे होते हैं, वो केवल 2500 रुपए में आता है। गांव के बच्चों के लिए इतना महंगा तीर खरीदना संभव नहीं है।

FIR में आधी कीमत दर्ज की गई 
पुलिस ने तीर चोरी की इस घटना में केस तो दर्ज कर लिया है, लेकिन चोरी हुआ तीर कीमत अपने हिसाब से लगाया है। कोच और खिलाड़ियों के अनुसार 108 तीर की कीमत करीब डेढ़ लाख रुपए है, लेकिन पुलिस ने महज 40 हजार रुपए कीमत बताकर केस दर्ज किया है।

काका खबरीलाल

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