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कोसीर को नगर पंचायत व तहसील बनाने की उठी मांग

कोसीर-रायगढ़ जिले का सबसे बड़े ग्राम पंचायत कोसीर को नगर पंचायत व तहसील बनाने की मांग अब जोर शोर से उठने लगी है । वर्तमान में सरकार की विकास यात्रा पूरे छत्तीसगढ़ में चल रही है । और भाजपा सरकार अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों को बड़ी बड़ी विकास की सौगात दे रही है । ऐसे में कोसीर को तहसील के दर्जा और नगर पंचायत का दर्जा मिलने की पूरी संभावना है । गौरतलब हो कि कोसीर जिले का सबसे बड़ा पंचायत है । जिसकी आबादी 8 हजार है और अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र है । साथ ही नगर पंचायत और तहसील के दर्जा पाने पात्र रखता है साथ ही लम्बे अर्से से कोसीर में महाविद्यालय की मांग हो रही है । जिसे नजरअंदाज किया जा रहा है । चूंकि आगामी विधानसभा चुनाव सामने है ,और क्षेत्र में भाजपा के प्रति गहरी नाराजगी उभर कर आ रही है । ऐसे में पार्टी क्षेत्र को एक बड़ी सौगात देकर सन्तुष्ट करने की कोशिश अवश्य करेगी । आप को बता दे कि रायगढ़ जिले का सबसे बड़ा ग्राम पंचायत ब्लॉक बनने की रेस में सबसे आगे था ,और एक समय कोसीर को ब्लॉक बनाने दावा आपत्ति भी मंगाए जा चुके थे । लेकिन राजनीति और प्रशासनिक दबाव के कारण कोसीर के साथ उलखर का नाम जोड़कर प्राथमिकता क्रम में उलखर को आगे लाकर ब्लॉक गठन की सहमति बनी । उसके बाद ब्लॉक आयोग गठन समिति ने कोसीर को भगौलिक , जनसख्या,और प्रशासनिक दृष्टि से ब्लॉक मुख्यालय के लिए उचित माना है । और राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी उसके बाद भी कोसीर के साथ उलखर का नाम जोड़कर उलखर को मुख्यालय बनाने जबरजस्त लॉबिंग अभी भी हो रही है ऐसे में क्षेत्र की जनता सरकार और भाजपा पार्टी के खिलाफ खाशे नाराज है जिसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में देखा जा सकता है चूंकि क्षेत्र अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र है और आज भी पिछड़े पन का शिकार है । क्षेत्र में सही तरीका से आवागमन के साधन नही है और साथ ही कोसीर में कोई ऐसे संसाधन नही है । जिससे कि दर्जनों गांव का आवागमन हो लेकिन सारे के सारे , तमाम ऑफिस अभी भी कोसीर में मौजूद है । जिससे कारण कोसीर को ब्लॉक का दर्जा दिया जा सकता है ।यह ऐतिहासिक नगरी है । कोसीर में पुलिस थाना ,महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय,विद्युत कनिष्ठ यंत्री कार्यालय,4 हाईस्कूल,2 हायर सेकंडरी विद्यालय ,बैंक,डाकघर,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,पेट्रोल पंप ,पर्यटन के रूप में माँ कौशलेश्वरी मंदिर स्थापित है । उसके बाद भी कोसीर को ब्लॉक मुख्यालय के लिए प्राथमिकता क्रम ना रखकर उलखर को आगे करना राजनीति और प्रशासनिक दबाव का नतीजा है । जिससे कोसीर का भविष्य खतरे में है । अब देखना यह है कि 7 जून को सारंगढ विकास यात्रा में कोसीर को कौन कौन सी सौगत मुख्यमंत्री जी देते है । कोसीर को नगर पंचायत का दर्जा देने सुगबुगाहट तेज होते तो दिख रही है लेकिन क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास के लिए नगर पंचायत ही काफी नही और कोसीर से जुड़े दर्जनों ग्राम पंचायत है । जो कोसीर के साथ सीधे जुड़े है और कोसीर को तहसील व ब्लॉक का दर्जा मिलने की उम्मीदें लगाए बैठे है।लेकिन यह तमाम सम्भावनाएं अभी गर्भ में है।

क्या कहते है क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व बुद्धजीवी -सारंगढ जनपद अध्यक्ष श्रीमती उत्तरी जांगडे ने इस संदर्भ में कहा कि कोसीर जिले का सबसे बड़ा ग्राम पंचायत है । और नगर पंचायत ,तहसील बनने योग्य है । साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा है । महाविद्यालय स्थापना भी अति आवश्यक है । सम्पूर्ण विकास के लिए जरूरी मांगो को सरकार को पूरी करनी चाहिए । तब जाकर क्षेत्र का विकास होगा।

साहित्यकार लक्ष्मीनारायण लहरे-ने चर्चा के दौरान कहा कि क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज है खास कर शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा है । सरकार चाहे तो क्षेत्र का पिछड़ापन दूर होने में ज्यादा समय नही लगेगा । वाजिब मांगे है पूरी होनी चाहिए।

विष्णु चन्द्रा -गांव के मालगुजार गौटिया ने कहा कि कोसीर के साथ हमेशा से छलावा हुआ है । कोसीर ऐतिहासिक स्थान है लेकिन विकास से कोशों दूर है । सारंगढ़ में भाजपा विधायक और राज्य में भाजपा सरकार होने के बावजूद भी जरूरी मांगे पूरी नही हो रही है , जो कि विडम्बना है।

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