दहिमन के मुख्य फ़ायदे : हुलेश्वर जोशी
दहिमन मुख्यतः वनऔषधीय पेड़ है; जिसके उपयोग से स्थानीय लोग और आयुर्वेद चिकित्सक अधिकतर रोगों की उपचार करते हैं। ये पेड़ सतपुड़ा, अमरकंटक और सरगुजा संभाग से लगे वन क्षेत्र और कबीरधाम जिले के जंगलों में प्रमुखता से पाये जाते हैं।
*दहिमन के अन्य नाम:*
Boraginaceae, कॉर्डिया मैकलोडी हुक,
दही पलाश, ढेंगन, दाई वास, भोटी, पनकी, शिकारी का पेड़, तेजसागुन, देहिपलस और दहिमन आदि नामों से जाना जाता है।
*अगर आप जीवन में केवल 01 ही पेड़ लगाने की सोच रहे हैं तो आपसे अनुरोध है दहिमन का ही एक पौधा लगाएँ क्योंकि ये संजीवनी बूटी से कम नहीं है।*
*दहिमन क्यों लगाएँ, इसके मुख्य फायदे क्या है?*
1- कैंसर रोग का उपचार (पत्ते अथवा छाल का जूस)
2- किड़नी में सूजन और पाचन संबंधी रोग का उपचार (छाल का जूस)
3- सर्पदंश और ज़हर खुरानी का उपचार (छाल ल जूस)
4- ब्लडप्रेशर (पत्ते का चूर्ण)
5- मोटापा की उपचार (छाल का जूस अथवा नीबू रस के साथ छिलके का चूर्ण)
6- शराब छुड़ाने के लिए उपयोगी (जूस, पत्ते या छाल)
7- घांव का उपचार (पत्ते का लेप)
8- पीलिया का उपचार (छाल या पत्ते जा जूस या छाल का पावडर)
9- फायदे की अधिक जानकारी के लिए वन्य क्षेत्रों के किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से मिलकर बात करें।
दहिमन के संबंध में मान्यता
1- दहिमन पेड़ के छांव में बैठने से शांति मिलती है।
2- दहिमन पेड़ के छांव में या इसके लकड़ी के टुकड़े/पीढ़वा में बैठकर दारू पीने से नशा कम करता है।
दहिमन के पेड़ को पहचानें कैसे?
आप दहिमन के पत्तों पर आप कुछ भी लिखेंगे तो आपका लिखा हुआ शब्द या चित्र पत्ते में भीतर की ओर रेखा खिंचने के बजाय थोड़ी ही देर में ऊपर की ओर उभर कर आता है।