देवदूत बना ऑटो ड्राइवर मरीजो को फ्री में पहुंचा रहा मंजिल तक
झारखंड. वो कहते हैं न…ना दौलत से, ना शोहरत से, ना बंगला-गाड़ी रखने से…मिलता है सुकून दिल को, किसी गरीब की मदद करने से..ये पंक्तियों एक ऑटो ड्राइवर पर फिट बैठती हैं, जो इन दिनों कोरोना मरीजों के लिए देवदूत बनकर आया है. ऑटो ड्राइवर की दरियादली तो देखिए मरीजों को मुफ्त में मंजिल तक पहुंचाता है. ये मिसाल कायम करने वाली कहानी झारखंड की है. जहां एक ऑटो ड्राइवर कोरोना काल में फरिश्ता बनकर कोविड मरीजों को अस्पताल पहुंचा रहा दरअसल, झारखंड के रांची में एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने कोरोना मरीजों की निस्वार्थ सेवा करने का बीड़ा उठाया है. जो भी लोग कोरोना पॉजिटिव हैं. उन्हें अस्पताल जाना है या उन्हें अस्पताल जाने के लिए कोई साधन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे लोगों को वह अपने ऑटो रिक्शा से मुफ्त में अस्पताल पहुंचा रहे हैं. खास बात ये है कि इमरजेंसी हालात में वह फ्री सेवा देते हैं.ऑटो ड्राइवर रवि का कहना है कि वह 15 अप्रैल से लोगों को ऑटो से मुफ्त में अस्पताल पहुंचा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब किसी भी ऑटो ड्राइवर ने एक जरूरतमंद महिला को रिम्स नहीं पहुंचाया, तो उन्होंने उसे अस्पताल पहुंचाया. उन्होंने कहा कि उनका फोन नंबर सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है, जिन कोरोना मरीजों को अस्पताल जाने की जरूरत है. कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा वह उन्हें संपर्क कर सकते हैं.देशभर में कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में अस्पतालों में जहां एक तरफ मरीजों के लिए बेड और ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी हो रही है. वहीं दूसरी तरफ अब कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचने के लिए एंबुलेंस और दूसरे साधन मिलने में भी काफी मुश्किल हो रही है. समय से एंबुलेंस न मिल पाने के कारण लोगों को इलाज में देरी हो रही है. ऐसे में कुछ लोग लोगों की मदद के लिए अपना हाथ बढ़ा रहे हैं.झारखंड में कोरोना वायरस ने बीते गुरुवार को 106 लोगों की जान ले ली. साथ ही गुरुवार को राज्य में 7595 कोरोना संक्रमित मिले हैं. इसके साथ ही कुल 73903 लोगों की कोरोना जांच की गई है. राजधानी रांची में सबसे अधिक 53 संक्रमित मरीज जमशेदपुर में मिले. वहीं रांची जिले में 1467 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं. हजारीबाग जिले में 1065 पॉजिटिव केस मिले हैं. राज्य में मिल रहे कोरोना के इतने अधिक मरीजों ने सरकार की चिंता को और भी बढ़ा दिया है.बता दें कि ऑटो ड्राइवर रवि कोरोना मरीजों की निस्वार्थ सेवा करने का बीड़ा उठाया है, जिसे लेकर हर कोई तारीफ कर रहा है. संकट काल में हर कोई इसी तरह मदद करेगा, तो लोगों को राहत मिलेगी. इसी तरह मदद से कोरोना महामारी से निपट सकते हैं.