प्रेम जाल मे फंसाकर लेडी डाक्टर ने मेडिकल स्टूडेंट का किया किडनैप जाने क्या है पुरा मामला
नोएडा (काकाखबरीलाल). गर्लफ्रेंड बनकर लेडी डाक्टर ने पहले तो मेडिकल स्टूडेंट का किडनैप कराया और फिर अपने डाक्टर दोस्तों के साथ मिलकर 70 लाख की फिरौती की डिमांड करने लगी। लव…किडनैपिंग और फिरौती का ये अजीब मामला यूपी के गोंडा में शुरू हुआ, लेकिन पुलिस ने नोएडा में इस फिल्मी स्क्रीप्ट का द इंड कर दिया। इस कहानी की हैप्पी इंडिंग ये रही कि मेडिकल छात्र सकुशल छुड़ा लिया गया है, लेडी डाक्टर फरार है, जबकि डॉ. अभिषेक सिंह, नीतेश और मोहित को गिरफ्तार किया गया है। तीनों का साथ डॉ. प्रीति मेहरा ने दिया था। उसकी तलाश की जा रही है।आरोपियों के पास से एक पिस्तौल, चार जिंदा कारतूस, एक गाड़ी और नशे के इंजेक्शन बरामद हुए हैं। अपहरण की यह सनसनीखेज वारदात कोतवाली नगर क्षेत्र के हारीपुर स्थित एससीपीएम पैरा मेडिकल कॉलेज की है, जहां बहराइच जिले के पयागपुर का रहने वाला गौरव हलदर कॉलेज के हॉस्टल में रहकर BAMS की पढ़ाई कर रहा है। गौरव 18 जनवरी को दोपहर तीन बजे तक कॉलेज में था, लेकिन उसके बाद अचानक लापता हो गया।
निखिल मूलरूप से बहराइच की सतसंग नगर कालोनी काशीजोत थाना प्रयागपुर के रहने वाले हैं। वह गोंडा में एसपीपीएम कालेज से बीएएमएस की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पिता नील रतन अपने गांव में ही चिकित्सक हैं। मुख्य साजिशकर्ता अभिषेक सिंह दिल्ली के नजफगढ़ नांगलोई में स्थित राठी अस्पताल में डाक्टर है। वहीं पर प्रीति मेहरा भी डाक्टर है। दोनों दीपावली से पैसा कमाने की योजना बना रहे थे। एसएसपी एसटीएफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश कुलदीप यादव ने बताया कि अभिषेक के बुआ की शादी सतसंग नगर कालोनी बहराइच में हुई है। बुआ के लड़के रोहित के साथ मिलकर अपहरण कर पैसे कमाने की योजना बनाई गई। रोहित ने बताया था कि निखिल के पिता पैसे वाले हैं। निखिल को लड़की के प्रेमजाल में फंसाकर अपहरण की योजना बनाई गई। अभिषेक ने प्रीति मेहरा से निखिल को फोन कराया। तीन-चार दिनों के दौरान ही निखिल उसके प्यार में फंस गया। प्रीति ने निखिल से मिलने के लिए कहा। निखिल ने अपने कालेज के बाहर ही लड़की को मुलाकात के लिए बुलाया। अभिषेक ने योजना में अपने दो अन्य साथियों नीतेश व मोहित को भी शामिल कर लिया। अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ राजकुमार मिश्रा ने बताया कि 18 जनवरी को अभिषेक की स्विफ्ट कार से रोहित, मोहित, नीतेश व प्रीति लखनऊ पहुंचे। यहां कार से उतरकर रोहित बस से गोरखपुर चला गया। चारों लोग निखिल के कालेज के बाहर पहुंचे। प्रीति ने एक राहगीर के मोबाइल नंबर से निखिल को फोन कर बताया कि वह कालेज के बाहर गाड़ी में उसका इंतजार कर रही है। जैसे ही निखिल आया चारों ने उसे कार में बंधक बना लिया। अभिषेक ने उसे नशे का इंजेक्शन लगा दिया। चारों उसे लेकर दिल्ली में अभिषेक के फ्लैट बक्करवाला डीडीए पहुंचे और बंधक बनाकर रखा। आरोपित फिरौती की रकम लेने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे के रास्ते लखनऊ जा रहे थे। तभी उन्हें दबोच लिया गया। घटना के पर्दाफाश में एसटीएफ के इंस्पेक्टर राकेश सिंह ने अहम भूमिका निभाई।
छात्र का अपहरण करने के अगले दिन रोहित ने फिरौती के लिए निखिल के पिता को फोन किया। फोन करने के बाद सिम तोड़कर फेंक दिया। धमकी दी थी यदि दो दिन में पैसा नहीं मिला तो लड़के की हत्या कर देंगे। इससे परिवार के लोग सहम गए। एक दिन बाद नए नंबर से फोन कर पैसों के बारे में परिवार के लोगों से पूछा। परिवार के लोगों ने मिन्नत करते हुए कहा कि बेटे के साथ कुछ न करें और इतने पैसे उनके पास नहीं है। बदमाशों ने रकम बढ़ा कर अस्सी लाख रुपये कर दी थी। बदमाश बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे थे। फिरौती की रकम लेने के लिए छात्र को कार से लेकर लखनऊ जाते समय एसटीएफ के हत्थे चढ़ गए।
होश आते ही लगा देते थे इंजेक्शन
बंधन बनाकर रखने के दौरान जैसे ही निखिल को होश आता था। अभिषेक उसे नशे का इंजेक्शन दे देता था। एसटीएफ ने अभिषेक, नीतेश व मोहित को गिरफ्तार किया, जबकि गोंडा पुलिस ने रोहित व सतीश को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला है कि नीतेश पूर्व में फर्जी काल सेंटर चला कर फर्जीवाड़ा करने के मामले में जेल जा चुका है। उसी ने अपहरण के लिए फेक आइडी पर सिम उपलब्ध कराया था।
यूपी एसटीएफ ने बताया कि डॉ. अभिषेक सिंह ने 2013-14 में राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस बेंगलुरु से पढ़ाई करके बीएएमएस किया था। वह दिल्ली के नजफगढ़, नांगलोई रोड स्थित राठी अस्पताल में काम कर रहा था। उसके साथ ही डॉ. प्रीति मेहरा भी काम करती थी। प्रीति और अभिषेक की अच्छी दोस्ती थी