बेपरवाह बने बैंक के जिम्मेदार अधिकारी, ग्रामीणों ने कहा कर्मचारी करते है अभद्रतापूर्ण व्यवहार
पसान/कोरबा(काकाखबरीलाल)। पसान ग्रामीण बैंक की कार्यप्रणाली आए दिन क्षेत्र से दूर दराज से आ रहे उपभोक्ता परेशानी से जूझ रहे हैं पर इस और बेपरवाह अधिकारी जान कर भी अंजान बैठे हैं ,वह अपना मतलब स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हैं, जिससे कि पसान ग्रामीण बैंक शाखा बदनाम हो रही है, यह बैंक में लेनदेन करने के लिए प्रतिदिन भारी भीड़ हो जाती है और आए दिन वाद विवाद स्थिति निर्मित हो जाती है,कई लोग ग्रामीण बैंक में अपना काम कराने के चक्कर लगा रहे हैं पर उनका काम नहीं हो पा रहा है बैंक के जवाबदार आनाकानी कर गांव के ग्रामीणों को गुमराह कर रहे हैं ! जिस कारण लोगो मे भारी आक्रोश भी पनप रहा है ।
गरीब बुजुर्ग महिला ने बताया है कि अपनी पेंशन निकालने के लिए तीन माह से परेशान है ,पर ग्रामीण बैंक में अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है
वह बैंक में बदतमीजी दुर्व्यवहार कर भगा दिया जाता है! मजबूर परेशान कई महिलाओं ने मौके पर बताया कि पेंशन को निकालने के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं , अब हम हमारा गुजर बसर कैसा करे बड़ा संकट खड़ा हो गया है ,हमारी कोई सुनने को तैयार नहीं है!
बैंक के अंदर व बाहर ही दलाल सक्रिय हो गए हैं ,जो पैसा निकालने के नाम पर रुपए मांगते हैं इससे प्रतिदिन हजारो का खेल हो जाता है ! वही अपने स्वार्थों की पूर्ति नही होने पर आनाकानी कर भगा देते हैं, पूरा खेल आपसी सांठगांठ से चल रहा है
पसान में एक ही गाँव में ग्रामीण बैंक , व अनेक ग्रामीण कियोस्क बैंक
ग्रामीणों ने बताया कि बैंक में नया खाता खोलने के उपभोक्ताओं को लगातार कर्मचारियों व बैंक मैनेजर के द्वारा घुमाया जाता हैं ,जिससे परेशान होकर उपभोक्ताओं को दलालों का सहारा लेना पड़ता है जो कि एक निश्चित राशि लेकर उनका काम करवाते हैं , ग्रामीणों के अनुसार पसान में ग्रामीण बैंक होते हुए भी ग्रामीण बैंक कियोस्क कई जगह पर खोलकर रखा गया हैं , जहाँ खाता खोलने के एवज में 200 या इससे अधिक राशि की मांग गरीब आदिवासियों से की जाती हैं , अतः यह कहना गलत नही होगा कि पसान ग्रामीण बैंक के मैनेजर की मिलीभगत से इस तरह से कार्यप्रणाली का संचालन किया जा रहा हैं , व शासन के द्वारा गरीब जनता के लिए खोले गए बैंक के नियमों की खूलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं.