काकाकबरीलाल रायपुर 2 फरवरी 2018। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्ताव पर सूखाग्रस्त घोषित 96 तहसीलों की विभिन्न जनपद पंचायतों के गांवों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 50 अतिरिक्त दिनों का रोजगार देने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसे मिलाकर राज्य में महात्मा गांधी नरेगा के तहत पंजीकृत परिवारों को वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल 200 दिनों का रोजगार दिया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसके लिए केन्द्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है। छत्तीसगढ़ के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने आज बताया कि राज्य सरकार ने मनरेगा के पंजीकृत श्रमिक परिवारों को वर्तमान में एक वित्तीय वर्ष में 150 दिनों तक रोजगार देने का प्रावधान पहले ही कर दिया था। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ की सूखाग्रस्त घोषित 96 तहसीलों के अंतर्गत 93 जनपद पंचायतों में ग्रामीणों को राहत दिलाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार को 50 अतिरिक्त दिनों के रोजगार का प्रस्ताव भिजवाया था।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। अब इन तहसीलों में मनरेगा के पंजीकृत परिवारों को उनकी मांग पर 200 दिनों तक रोजगार दिया जाएगा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद ने यहां इन्द्रावती भवन स्थित अपने कार्यालय से इस संबंध में संबंधित जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को परिपत्र जारी कर दिया है। श्री चन्द्राकर ने बताया कि मनरेगा के तहत राज्य शासन द्वारा पूरे प्रदेश में 50 अतिरिक्त दिनों के रोजगार की व्यवस्था को मिलाकर अब तक ग्रामीणों को 22 लाख मानव दिवस का रोजगार दिया जा चुका है। सूखाग्रस्त घोषित जिन तहसीलों की जनपद पंचायतों में 200 दिनों के रोजगार का प्रावधान इस वित्तीय वर्ष में किया गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं –
1. जिला रायपुर के अंतर्गत तहसील रायपुर (जनपद पंचायत धरसींवा), आरंग, अभनपुर और तिल्दा।
2. जिला – बलौदाबाजार के अंतर्गत तहसील बलौदाबाजार, सिमगा, भाटापारा, कसडोल, बिलाईगढ़ और पलारी।
3. जिला गरियाबंद के अंतर्गत – तहसील गरियाबंद, छुरा और मैनपुर।
4. जिला धमतरी के अंतर्गत – तहसील कुरूद, मगरलोड़, नगरी और धमतरी।
5. जिला महासमुंद के अंतर्गत – तहसील महासमुंद, पिथौरा, बागबाहरा, सराईपाली और बसना।
6. जिला दुर्ग के अंतर्गत – तहसील पाटन, दुर्ग और धमधा।
7. जिला बालोद के अंतर्गत – तहसील डौंडीलोहारा, गुण्डरदेही, गुरूर और डौंडी।
8. जिला बेमेतरा के अंतर्गत – तहसील साजा, थानखम्हरिया, नवागढ़, बेरला और बेमेतरा।
9. जिला राजनांदगांव में छुईखदान, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, अम्बागढ़-चौकी, मोहला, मानपुर, डोंगरगांव और छुरिया।
10. जिला कबीरधाम में तहसील कवर्धा, पंडरिया, बोड़ला और सहसपुर-लोहारा।
11. जिला कोण्डागांव में तहसील फरसगांव, माकड़ी, केशकाल और बड़ेराजपुर।
12. दंतेवाड़ा के अंतर्गत – तहसील दंतेवाड़ा, गीदम, कटेकल्याण, कुआकोण्डा और बड़े बचेली।
13. जिला कांकेर में तहसील कांकेर, चारामा, नरहरपुर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, पखांजूर और दुर्गकोदंल।
14. जिला बिलासपुर में तहसील बिल्हा, बिलासपुर, मस्तूरी, पेण्ड्रारोड, पेण्ड्रा, कोटा, तखतपुर और मरवाही।
15. जिला मुंगेली में तहसील मुंगेली, पथरिया, और लोरमी।
16. जिला जांजगीर-चांपा में – जैजैपुर, अकलतरा, बलौदा और डभरा।
17. जिला कोरबा के अंतर्गत – तहसील पाली।
18. जिला रायगढ़ के अंतर्गत – तहसील रायगढ़, सारंगढ़, धरमजयगढ़, पुसौर, बरमकेला और तमनार।
19. जिला कोरिया के अंतर्गत – तहसील बैकुण्ठपुर, सोनहत, मनेन्द्रगढ़, खड़गवां और भरतपुर।
20. जिला नारायणपुर के अंतर्गत – तहसील नारायणपुर और ओरछा।
21. जिला बीजापुर के अंतर्गत – तहसील बीजापुर, भैरमगढ़, भोपालपटनम और उसूर।
इन तहसीलों में चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में मनरेगा के पंजीकृत श्रमिक परिवारों को 200 दिनों का रोजगार उनकी मांग के अनुसार दिया जाएगा।