रायपुर(काकाखबरीलाल)।चुनाव का नाम आते राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो जाती है कुछ लोग राजनीतिक विशेषज्ञ बन रंगनाथ बन जाते है,नए साल की शुरूआत में होने वाले पंचायत चुनाव भी बदले स्वरूप में नजर आ सकते हैं। इस बार नया यह होगा कि सरपंचों को भी गांवों की जनता नहीं बल्कि पंच मिलकर चुनेंगे। फिलहाल उच्च स्तर पर इस विधि से सरपंचों को चुनने का फैसला सरकार ने कर लिया है। इसके लिए जल्द ही पंचायत अधिनियम में अध्यादेश के जरिए संशोधन करने जा रही है।
सरकार पहले ही महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने का फैसला कर चुकी है। इसके लिए अध्यादेश में भी संशोधन किया गया है। सरकार को उम्मीद है कि वह एक दिन में ही पंचायत अध्यादेश में भी संशोधन करा लेगी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान पहले पंचों का चुनाव जनता करेगी फिर वे मिलकर अपने बीच में से पंच चुनेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग को भी इस बात के संकेत दे दिए हैं। निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे आयोग ने पंचायत चुनाव में भी बदले फार्मूले पर क्या – क्या करना होगा इस पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।
मालूम हो कि पंचायत चुनाव गैरदलीय अदार पर होते हैं, लेकिन राजनीतिक दल अप्रत्यक्ष तौर पर उम्मीदवारों को समर्थन देकर उन्हें जीताने की कोशिश करते हैं।। नतीजों के बाद विजयी प्रत्याशियों पर दल अपना दावा भी ठोकते हैं।
सोच के पीछे क्या
पंचायत चुनाव में भी पंचों के जरिए सरपंच चुनने की जरूरत क्यों पड़ी? इसे लेकर कांग्रेसी गलियारों में चर्चा है कि पार्टी अपने जमीनी व निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को ऊपर उठाना चाहती है। बरसों से पार्टी की सेवा में लगे कार्यकर्ताओं को व्यवस्था में बड़ी जिम्मेदारी सौंपकर उनके ही हाथों उनके गावों का विकास करना चाहती है। इसी कांसेप्ट को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अप्रत्यक्ष प्रणाली से सरपंचों के चुनाव का सिस्टम लाना चाहती है।
क्या बदलेगा:
अब तक यह होता था कि पंचायत चुनाव में वोटर 4-4 वोट डालता था। इसमें एक वोट सरपंच, एक पंच, एक जनपद सदस्य और एक वोट जिला पंचायत सदस्य के लिए होता था। इनमें से जिला पंचायत सदस्य मिलकर अध्यक्ष को चुना करते थे। जनपद के चयन में भी इसी तरह की व्यवस्था थी। जनपद सदस्य, जनपद अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली के आधार पर करते थे। अब अध्यादेश में संशोधन होने पर एक वोटर तीन जनप्रतिनिधियों को चुनने वोट डालेगा। इनमें पंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य शामिल हैं।