आदिवासियों के जमीन खरीदने संबंधी राज्य शासन द्वारा पारित विधेयक को संविधान विरोधी-आदिवासी नेता
नंदकिशोर अग्रवाल रायपुर -आदिवासियों के जमीन खरीदने संबंधी राज्य शासन द्वारा पारित विधेयक को संविधान विरोधी कहा है|आदिवासियों के जमीन खरीदने संबंधी राज्य शासन द्वारा पारित विधेयक को संविधान विरोधी कहा है आदीवासी नेताओ ने राज्यपाल को ज्ञापन दे के बिल को रोकने का निवेदन किया है।उन्होंने कहा कि
आर्टिकल 13 (3) (क) के अनुसार आदिवासियों के उपर कोई भी सामान्य कानून लागू नही होता,वह केवल अपनी संस्कृति और रुढी वादी परंपरा से स्वशासित है|आर्टिकल 244 5वी 6वी अनुसूची के अनुसार आदिवासी क्षेत्र के जल जंगल पर केवल आदिवासियों एवं ग्राम सभा का हक एवं नियंत्रण है|
आर्टिकल (19)(5)(6) आदिवासी जनजाति के स्वशासन और नियंत्रण क्षेत्र(अनुसूचित क्षेत्र) में गैर लोगो के मौलिक अधिकार लागू नही|आर्टिकल 244(1) कंडिका(5)क राज्य सभा तथा विधान सभा द्वारा बनाया कोई भी सामान्य कानून अनुसूचित क्षेत्रों में लागू नही है जैसे- IPC एक्ट,CRPC एक्ट,लोकप्रतिनिधित्व कानून 1951,भूमि अधिग्रहण कानून,आबकारी अधिनियम,भू-राजस्व संहिता अधिनियम,पंचायत अधिनियम 1993,नगर पंचायत नगर पालिका अधिनियम,मोटर वाहन अधिनियम,परिवहन अधिनियम,गौ रक्षा अधिनियम,भारतीय चिकित्सा अधिनियम 1956 आदि लागू नही है,आदिवासी क्षेत्रों में सरकार एक व्यक्ति के समान है,जल जंगल जमीन के मालिक आदिवासी है सरकार नही,आर्टिकल 19(5) आदिवासी क्षेत्र में गैर आदिवासी लोगों के घूमने,निवास करने बस जाने पर प्रतिबंध है,
19(6) गैर आदिवासी के व्यवसाय,कारोबार,रोजगार पर पूर्ण प्रतिबंध है,
राज्य सरकार पिछले 14 वर्षों से आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है,तथा आदिवासी क्षेत्रों में इन नियमों का पालन नही हो रहा|
आदिवासी क्षेरों में पुलिस आदिवासी को गिरफ़्तार नही कर सकती क्योकि आदिवासियों के उपर कोई भी कानून संविधान के अनुसार लागू नही होता है,सरकार आदिवासियों पर अत्याचार कर सभी संसाधनों का दोहन कर रही है|जिससे की आदिवासियों की सामाजिक आर्थिक दशा में अब तक सुधार नही आया है,राज्य की जनता भाजपा से तंग आ चुकी है जिसका परिणाम उसको आगामी चुनावों में भुगतना पडेगा
13 (3) (क) के अनुसार आदिवासियों के उपर कोई भी सामान्य कानून लागू नही होता,वह केवल अपनी संस्कृति और रुढी वादी परंपरा से स्वशासित है|आर्टिकल 244 5वी 6वी अनुसूची के अनुसार आदिवासी क्षेत्र के जल जंगल पर केवल आदिवासियों एवं ग्राम सभा का हक एवं नियंत्रण है|
आर्टिकल (19)(5)(6) आदिवासी जनजाति के स्वशासन और नियंत्रण क्षेत्र(अनुसूचित क्षेत्र) में गैर लोगो के मौलिक अधिकार लागू नही|आर्टिकल 244(1) कंडिका(5)क राज्य सभा तथा विधान सभा द्वारा बनाया कोई भी सामान्य कानून अनुसूचित क्षेत्रों में लागू नही है जैसे- IPC एक्ट,CRPC एक्ट,लोकप्रतिनिधित्व कानून 1951,भूमि अधिग्रहण कानून,आबकारी अधिनियम,भू-राजस्व संहिता अधिनियम,पंचायत अधिनियम 1993,नगर पंचायत नगर पालिका अधिनियम,मोटर वाहन अधिनियम,परिवहन अधिनियम,गौ रक्षा अधिनियम,भारतीय चिकित्सा अधिनियम 1956 आदि लागू नही है,आदिवासी क्षेत्रों में सरकार एक व्यक्ति के समान है,जल जंगल जमीन के मालिक आदिवासी है सरकार नही,आर्टिकल 19(5) आदिवासी क्षेत्र में गैर आदिवासी लोगों के घूमने,निवास करने बस जाने पर प्रतिबंध है,
19(6) गैर आदिवासी के व्यवसाय,कारोबार,रोजगार पर पूर्ण प्रतिबंध है,
राज्य सरकार पिछले 14 वर्षों से आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है,तथा आदिवासी क्षेत्रों में इन नियमों का पालन नही हो रहा|
आदिवासी नेता*आदिवासियों के जमीन खरीदने संबंधी राज्य शासन द्वारा पारित विधेयक को संविधान विरोधी-आदिवासी नेता*
रायपुर -आदिवासियों के जमीन खरीदने संबंधी राज्य शासन द्वारा पारित विधेयक को संविधान विरोधी कहा है|आदिवासियों के जमीन खरीदने संबंधी राज्य शासन द्वारा पारित विधेयक को संविधान विरोधी कहा है आदीवासी नेताओ ने राज्यपाल को ज्ञापन दे के बिल को रोकने का निवेदन किया है।उन्होंने कहा कि
आर्टिकल 13 (3) (क) के अनुसार आदिवासियों के उपर कोई भी सामान्य कानून लागू नही होता,वह केवल अपनी संस्कृति और रुढी वादी परंपरा से स्वशासित है|आर्टिकल 244 5वी 6वी अनुसूची के अनुसार आदिवासी क्षेत्र के जल जंगल पर केवल आदिवासियों एवं ग्राम सभा का हक एवं नियंत्रण है|
आर्टिकल (19)(5)(6) आदिवासी जनजाति के स्वशासन और नियंत्रण क्षेत्र(अनुसूचित क्षेत्र) में गैर लोगो के मौलिक अधिकार लागू नही|आर्टिकल 244(1) कंडिका(5)क राज्य सभा तथा विधान सभा द्वारा बनाया कोई भी सामान्य कानून अनुसूचित क्षेत्रों में लागू नही है जैसे- IPC एक्ट,CRPC एक्ट,लोकप्रतिनिधित्व कानून 1951,भूमि अधिग्रहण कानून,आबकारी अधिनियम,भू-राजस्व संहिता अधिनियम,पंचायत अधिनियम 1993,नगर पंचायत नगर पालिका अधिनियम,मोटर वाहन अधिनियम,परिवहन अधिनियम,गौ रक्षा अधिनियम,भारतीय चिकित्सा अधिनियम 1956 आदि लागू नही है,आदिवासी क्षेत्रों में सरकार एक व्यक्ति के समान है,जल जंगल जमीन के मालिक आदिवासी है सरकार नही,आर्टिकल 19(5) आदिवासी क्षेत्र में गैर आदिवासी लोगों के घूमने,निवास करने बस जाने पर प्रतिबंध है,
19(6) गैर आदिवासी के व्यवसाय,कारोबार,रोजगार पर पूर्ण प्रतिबंध है,
राज्य सरकार पिछले 14 वर्षों से आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है,तथा आदिवासी क्षेत्रों में इन नियमों का पालन नही हो रहा|
आदिवासी क्षेरों में पुलिस आदिवासी को गिरफ़्तार नही कर सकती क्योकि आदिवासियों के उपर कोई भी कानून संविधान के अनुसार लागू नही होता है,सरकार आदिवासियों पर अत्याचार कर सभी संसाधनों का दोहन कर रही है|जिससे की आदिवासियों की सामाजिक आर्थिक दशा में अब तक सुधार नही आया है,राज्य की जनता भाजपा से तंग आ चुकी है जिसका परिणाम उसको आगामी चुनावों में भुगतना पडेगा
13 (3) (क) के अनुसार आदिवासियों के उपर कोई भी सामान्य कानून लागू नही होता,वह केवल अपनी संस्कृति और रुढी वादी परंपरा से स्वशासित है|आर्टिकल 244 5वी 6वी अनुसूची के अनुसार आदिवासी क्षेत्र के जल जंगल पर केवल आदिवासियों एवं ग्राम सभा का हक एवं नियंत्रण है|
आर्टिकल (19)(5)(6) आदिवासी जनजाति के स्वशासन और नियंत्रण क्षेत्र(अनुसूचित क्षेत्र) में गैर लोगो के मौलिक अधिकार लागू नही|आर्टिकल 244(1) कंडिका(5)क राज्य सभा तथा विधान सभा द्वारा बनाया कोई भी सामान्य कानून अनुसूचित क्षेत्रों में लागू नही है जैसे- IPC एक्ट,CRPC एक्ट,लोकप्रतिनिधित्व कानून 1951,भूमि अधिग्रहण कानून,आबकारी अधिनियम,भू-राजस्व संहिता अधिनियम,पंचायत अधिनियम 1993,नगर पंचायत नगर पालिका अधिनियम,मोटर वाहन अधिनियम,परिवहन अधिनियम,गौ रक्षा अधिनियम,भारतीय चिकित्सा अधिनियम 1956 आदि लागू नही है,आदिवासी क्षेत्रों में सरकार एक व्यक्ति के समान है,जल जंगल जमीन के मालिक आदिवासी है सरकार नही,आर्टिकल 19(5) आदिवासी क्षेत्र में गैर आदिवासी लोगों के घूमने,निवास करने बस जाने पर प्रतिबंध है,
19(6) गैर आदिवासी के व्यवसाय,कारोबार,रोजगार पर पूर्ण प्रतिबंध है,
राज्य सरकार पिछले 14 वर्षों से आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है,तथा आदिवासी क्षेत्रों में इन नियमों का पालन नही हो रहा|
उक्त जानकारी आदिवासी नेता ताहर सिंह ठाकुर कोषाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज जिला महासमुन्द ने दी है।